नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी (Delhi) में टिड्डियों (locusts) के खतरे को देखते हुए दिल्ली सरकार ने एक (Delhi Government) एडवाइजरी जारी की है. सरकार ने साउथ और वेस्ट जिले में हाई अलर्ट घोषित किया है. दिल्ली के श्रम और विकास मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) ने शनिवार को एक आपात बैठक के बाद एक एडवाइजरी जारी कर सभी जिला अधिकारियों को सतर्क रहने को कहा है. इसके साथ ही उन्होंने दवा का छिड़काव कराने के इंतजाम करने के आदेश दिए हैं. इस आपात बैठक में टिड्डियों के हमले से बचने के अन्य उपाय तलाशने पर भी चर्चा की गई.
बैठक के बाद गोपाल राय ने बताया कि टिड्डियों की छोटी टुकड़ी दिल्ली के बॉर्डर पर जसोला घाटी में घुस आई है. उन्होंने कहा, हमने वन विभाग को ढोल और DJ बजाने और केमिकल छिड़काव करने का आदेश दिया है. दक्षिण, पश्चिम और दक्षिणी-पश्चिमी जिले के DM को डिविजनल कमिश्नर के माध्यम से निर्देश दिया गया है. इन जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. यह भी पढ़ें- दिल्ली: सर गंगाराम हॉस्पिटल में तीन महीने बाद 1 जुलाई से फिर शुरू होंगी OPD सुविधाएं.
दिल्ली में टिड्डियों को भगाने की कोशिशें तेज-
District Magistrates are advised to deploy adequate staff to make all possible arrangement for guiding people to distract locusts by making high decibel sound through beating of drums/utensils, playing high volume music on DJs, burning firecrackers and neem leaves: Delhi Govt https://t.co/fPIi2dseC0
— ANI (@ANI) June 27, 2020
शनिवार को टिड्डियों का यह दल दिल्ली से सटे गुरूग्राम में देखने को मिला. टिड्डियों के दल से बचने के लिए लोगों ने थालियां बजाईं. कई लोगों ने इस आफत से बचने के लिए डीजे भी बजाया. गुरूग्राम से पहले टिड्डी दल ने महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी में दस्तक दे चुका है. रेवाड़ी में कृषि मंत्री जेपी दलाल टिड्डियों से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए शनिवार सुबह बोहतवास व जाटूसाना सहित कई गांवों में पहुंचे. किसानों से बातचीत करने के साथ खेतों में पहुंचकर नुकसान का जायजा लिया.
टिड्डियों के हमले से सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को हो रहा है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसके खिलाफ सरकार से गुहार लगाईं. राहुल गांधी ने कहा है कि टिड्डियों ने हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, यूपी, एमपी, गुजरात और महाराष्ट्र में फसलों को नष्ट कर दिया है. भारत सरकार को उन राज्यों और किसानों को सहायता प्रदान करनी चाहिए जिन्होंने इस खतरे को झेला है.''