नई दिल्ली, 14 अगस्त: दिल्ली उच्च न्यायालय ने मामले की आगे की जांच की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए ऑक्सफैम इंडिया के खिलाफ शुरू की गई आयकर पुनर्मूल्यांकन कार्यवाही पर रोक लगा दी है. यह भी पढ़े: Direct Tax Collection Data: डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 15.73 फीसदी का उछाल, 10 अगस्त तक सरकार के खजाने में आए 6.53 लाख करोड़ रुपये
न्यायमूर्ति राजीव शकधर और न्यायमूर्ति गिरीश कठपालिया की पीठ ने अगले छह सप्ताह के भीतर एक जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया, साथ ही एक प्रत्युत्तर, यदि कोई हो, अगली सुनवाई से कम से कम पांच दिन पहले जमा किया जाना चाहिए.
पीठ ने कहा, ''इस बीच, अदालत के अगले निर्देश तक पुनर्मूल्यांकन की कार्यवाही जारी रखने पर रोक रहेगी याचिकाकर्ता ऑक्सफैम इंडिया ने आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 148ए(बी) के तहत पुनर्मूल्यांकन नोटिस को चुनौती दी है.
याचिकाकर्ता की मुकदमेबाजी गतिविधियों में संलिप्तता, जिसने कथित तौर पर विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 का उल्लंघन किया था, ने विदेशी नागरिकों से प्राप्त योगदान के बारे में संदेह पैदा कर दिया था इसके अतिरिक्त, भविष्य की परियोजनाओं के लिए अग्रिम के रूप में प्राप्त 15,09,85,211 रुपये की राशि को राजस्व के रूप में पहचानने में याचिकाकर्ता की विफलता ने ध्यान आकर्षित किया था.
याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि विदेशी नागरिकों से संदिग्ध योगदान प्राप्त करने के आरोप गलत थे, क्योंकि योगदानकर्ता विवरण प्रदान किए गए थे इसके अलावा, याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि मूल्यांकन अधिकारी का यह दावा कि उल्लिखित राशि को आय के रूप में मान्यता दी जानी चाहिए, त्रुटिपूर्ण था, क्योंकि यह भविष्य की परियोजनाओं के लिए थी, न कि तत्काल आय के लिए अगली सुनवाई 22 नवंबर को होनी है.