Farmers Protest: पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान कृषि बिल के खिलाफ लगातार कर रहे है. सरकार जहां किसानों को मनाने के लिए कोशिश कर रही है. वहीं किसानअपने जिद पर अड़े हुए सरकार बिना किसी शर्त किसानों से जुड़ा बिल वापस लेने की मांग कर रहे हैं. इस बीच पंजाब और हरियाणा के किसानों के साथ ही उत्तर प्रदेश के किसानों को भी दिल्ली जानें की इजाजत नहीं देने की वजह से किसानों का आंदोलन उग्र होते जा रहा है. रविवार को उत्तर प्रदेश के किसान भी सरकार के फैसले के खिलाफ उग्र हो गए हैं और दिल्ली-यूपी के गाजीपुर बॉर्डर पर जमा होकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के किसानों की मांग है कि उन्हें दिल्ली के लिए आगे जाने दिया जाए. लेकिन पुलिस इन्हें रोकने के लिए दिल्ली-यूपी के गाजीपुर बॉर्डर किसान बिल पर बैरिकेट लगा दी है. साथ ही सुरक्षा के बड़े पैमाने पर तैनात कर दिया गया है. ताकि ये आगे ना बढ़ पाए. लेकिन ये किसान अपने जिद पर अड़े हैं. पुलिस द्वारा लगाए गए गाजीपुर में बैरिकेट को भी वे हटा कर आगे जाने की कोशिश रहे हैं. यह भी पढ़े: Farmers Protest: कृषि बिल के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों का ऐलान- मंच से किसी भी राजनीतिक दल को बोलने की इजाजत नहीं
देखें वीडियो:
#WATCH Delhi: Farmers continue their protest at Ghazipur-Ghaziabad (Delhi-UP) border against the farm laws amid security deployment.
Visuals of farmers trying to break through the barricades at Ghazipur, Delhi pic.twitter.com/dMunJhmDdg
— ANI (@ANI) November 29, 2020
वहीं किसानों के आंदोलन के चलते पंजाब में ट्रेनों पर भी इसका असर पड़ा हैं. रेल विभाग को कई ट्रेनों को डायवर्ट करना पड़ा कुछ ट्रेनों को शार्ट टर्मिनेट किया गया. वहीं इसके पहले जब पंजाब में किसानों ने आंदोलन किया था. कई दिन तक ट्रेने बंद थी. जिसकी वजह से रेल विभाग को कई सौ करोड़ का घाटा हुआ था.
Due to Kisan agitation in Punjab, train movement has been affected and hence, few trains have been diverted and certain trains have been short terminated & accordingly short originated: Chief PRO, Western Railways
— ANI (@ANI) November 29, 2020
किसानों के साथ हो रहे इस ज्यादती को लेकर कांग्रेस पार्टी लगातार मोदी सरकार को घेर रही हैं. कांग्रेसने रविवार को सरकार पर सत्ता के नशे में चूर रहने और किसानों की आवाज नहीं सुनने का आरोप लगाया. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, "सरकार सत्ता के नशे में चूर है. केंद्रीय कृषि मंत्री और गृहमंत्री कहते हैं कि 3 दिसंबर से पहले किसानों से कोई बात नहीं होगी. इस कड़ाके की ठंड में दोनों मंत्रियों के पास पांच दिनों तक किसानों से मुलाकात करने का समय नहीं है."