Delhi Air Pollution: राजधानी में लगातार बिगड़ रही एयर क्वालिटी, कई इलाकों में छाई धुंध की चादर
दिल्ली में वायु प्रदूषण (Photo Credits: ANI)

Delhi Air Pollution: दिल्ली में वायु प्रदूषण (Delhi Air Pollution) बढ़ता जा रहा है. दिल्ली और आसपास के इलाकों में हवा की स्थिति बेहद खराब तक बनी हुई है. राजधानी में हर जगह स्मॉग (Smog) की मोटी परत नजर आ रही है. प्रदूषण का स्तर लगातार खतरनाक स्तर पर पहुंच रहा है. एयर क्वालिटी इंडेक्स खराब श्रेणी में बना हुआ है. आईटीओ, गाजीपुर, अक्षरधाम के पास प्रदूषण की हालात खराब है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यानि सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, सोमवार को आईटीओ क्षेत्र में पीएम 2.5, 241 (खराब), लोधी रोड में 151 (मध्यम) और आरके पुरम में 249 (खराब) दर्ज किया गया है.

दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने का मुख्य कारण है पंजाब और हरियाणा में जलाई जा रही पराली. सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के अनुसार दिल्ली के प्रदूषण में पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने से निकले धुएं की हिस्सेदारी 46 प्रतिशत है. साथ ही एजेंसी ने यह कहा था कि निचले स्तर पर हवा की गति, धूल उड़ना और कम आर्द्रता जैसे कारण भी हैं जिससे हालात प्रतिकूल हो गए हैं. गुरुग्राम में GRAP के जरिए प्रदूषण नियमों के उल्लंघन पर 1 दिन में 7.25 लाख रुपये का लगा जुर्माना.

दिल्ली में एयर क्वालिटी खराब:

प्रदूषण से दिल्ली वासियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मॉर्निंग वॉक करने वाले एक शख्स ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा, "हम हवा में बदलाव को नोटिस कर रहे हैं, क्योंकि साइकिल चलाना और दौड़ते समय सांस लेना मुश्किल हो रहा है. हमें आने वाले दिनों में मॉर्निंग वॉक बंद करनी पड़ सकती है. "

बता दें कि 0-50 तक के एयर क्वालिटी इंडेक्स को अच्छे, 51-100 संतोषजनक, 101 से 200 मध्यम, 201-300 खराब, 301 से 400 बहुत खराब, 401 से 500 गंभीर और 500 से ऊपर गंभीर और आपातकालीन स्थिति में गिना जाता है.

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर चिंता जताई. प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि दिल्ली एनसीआर में निरीक्षण के लिए आज से सीपीसीबी (CPCB) की 50 टीमें तैनात की गई हैं.  इस बीच बढ़ते वायु प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने एक विशेष अभियान शुरू किया है. जिसके तहत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रदूषण के खतरे से निपटने के लिए ठेकेदार व अन्य साइट कर्मी आवश्यक सभी प्रदूषण नियंत्रण उपाय कर रहे हैं या नहीं.