रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने गुरुवार को शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) मिलिट्री मेडिसन कांफ्रेंस में कहा कि आज के समय में बायो टेररिज्म (Bio-terrorism) एक बड़ा खतरा है. रक्षा मंत्री ने बताया कि भविष्य में आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए भारत और भारत की सेना पूरी तरह से तैयार है. लेकिन बायो टेररिज्म एक बड़ी चुनौती है. राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि इस तरह के आतंकवाद को रोकने के लिए ध्यान देने की जरुरत है, सेना और मेडिकल सर्विस इन हमलों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहें.
राजनाथ सिंह ने कहा देश में आतंक फैलाने के लिए आतंकवादी उच्च तकनीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं. इस क्रम में अब बायो टेररिज्म की अवधारणा भी सामने आ रही है. बायो टेररिज्म यानी गंभीर बीमारियां फैलाकर देश के लोगों को खत्म करने का प्लान. वर्तमान में देश आतंकवाद से लड़ने में तो सक्षम है, लेकिन बायो टेररिज्म से निपटने के लिए अभी भी तमाम मुश्किलें देश के सामने हैं.
यह भी पढ़ें- भारत आत्मरक्षा के लिए अपनी ताकत का करेगा पूरा इस्तेमाल: राजनाथ सिंह.
बायो टेररिज्म बड़ा खतरा-
Defence Min Rajnath Singh at Military Medicine Conference,Delhi:Want to underline the importance of building capabilities to deal with the menace of Bio-terrorism.Bio-terror is a real threat today.Armed forces&its medical services need to be at the forefront to combat this menace pic.twitter.com/zaLevEz6gy
— ANI (@ANI) September 12, 2019
राजनाथ सिंह ने कहा इस तरह के खतरों को अब पहचाना जा चुका है और वैज्ञानिक तरीकों से इसपर शोध भी जारी है. बायो टेररिज्म के जरिए अक्सर बैक्टीरिया, नई तकनीक के जरिए हमला किया जाता है, बायो टेररिज्म, हथियारों से भी ज्यादा खतरनाक है.
बायो टेररिज्म के जरिए आतंकवादी बहुत ही आसानी से ऐंथरैक्स, स्मॉल पॉक्स जैसे कई वायरस भारत में फैला सकते हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार वायरल हीमोरेजिक फीवर, रैबिट फीवर अथवा ब्यूबोनिक प्लेग को फैलाना बेहद आसान हो सकता है. हंटा वायरस, सार्स, एच1एन1, एचआईवी-एड्स, निफा वायरस के माध्यम से भारी संख्या में लोग मारे जा सकते हैं. आज के समय में जब आतंकी भारतीय सेना के सामने टिक नहीं सकते तो वे इस तरह की तकनीक का इस्तेमाल कर सकते हैं.