Rahul Gandhi Defamation Case: मानहानि मामला: गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ राहुल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 21 को
Rahul Gandhi (Photo Credit: IANS, Twitter)

नई दिल्ली, 18 जुलाई: सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को 'मोदी उपनाम' मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने से इनकार करने के गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उनकी याचिका पर 21 जुलाई को सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया.यह भी पढ़े: राहुल गांधी को मोदी सरनेम मामले में गुजरात HC से राहत नहीं मिलने पर पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, फैसले को दी चुनौती

भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ राहुल गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने की मांग पर मामले को शुक्रवार को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया.

सिंघवी ने शीर्ष अदालत से याचिका को शुक्रवार (21 जुलाई) या सोमवार (24 जुलाई) को सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया अदालत इस मामले को इस शुक्रवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर सहमत हो गई है सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, "इसे शुक्रवार को सूचीबद्ध करें.

15 जुलाई को, कांग्रेस नेता ने आपराधिक मानहानि मामले में अपनी दोषसिद्धि और दो साल की जेल की सजा पर रोक लगाने के गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, इसके कारण कांग्रेस नेता को अपनी लोकसभा सदस्यता गंवानी पड़ी.

राहुल गांधी को मार्च में संसद सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था, जब सूरत की एक अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया था और अप्रैल 2019 में कर्नाटक में एक चुनावी रैली के दौरान की गई उनकी टिप्पणी "सभी चोरों का सामान्य उपनाम मोदी कैसे है" के लिए दो साल की जेल की सजा सुनाई थी.

इसके पहले भाजपा विधायक और गांधी के खिलाफ मानहानि मामले में शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में एक कैविएट दाखिल कर अनुरोध किया था कि अगर कांग्रेस नेता उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हैं तो उन्हें अपना पक्ष पेश करने का मौका दिया जाए.

मार्च में, सूरत की सत्र अदालत ने मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा दी गई सजा को निलंबित करने की मांग करने वाली राहुल गांधी की याचिका को खारिज कर दिया था कानूनी विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर शीर्ष अदालत राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाती है, इससे उनकी लोकसभा सदस्यता बहाल हो जाएगी.

मंगलवार को 'मोदी उपनाम' मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने से इनकार करने के गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उनकी याचिका पर 21 जुलाई को सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया.

भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ राहुल गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने की मांग पर मामले को शुक्रवार को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया.

सिंघवी ने शीर्ष अदालत से याचिका को शुक्रवार (21 जुलाई) या सोमवार (24 जुलाई) को सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया अदालत इस मामले को इस शुक्रवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर सहमत हो गई है। सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, "इसे शुक्रवार को सूचीबद्ध करें.

15 जुलाई को, कांग्रेस नेता ने आपराधिक मानहानि मामले में अपनी दोषसिद्धि और दो साल की जेल की सजा पर रोक लगाने के गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, इसके कारण कांग्रेस नेता को अपनी लोकसभा सदस्यता गंवानी पड़ी.

राहुल गांधी को मार्च में संसद सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था, जब सूरत की एक अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया था और अप्रैल 2019 में कर्नाटक में एक चुनावी रैली के दौरान की गई उनकी टिप्पणी "सभी चोरों का सामान्य उपनाम मोदी कैसे है" के लिए दो साल की जेल की सजा सुनाई थी.

इसके पहले भाजपा विधायक और गांधी के खिलाफ मानहानि मामले में शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में एक कैविएट दाखिल कर अनुरोध किया था कि अगर कांग्रेस नेता उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हैं तो उन्हें अपना पक्ष पेश करने का मौका दिया जाए.

मार्च में, सूरत की सत्र अदालत ने मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा दी गई सजा को निलंबित करने की मांग करने वाली राहुल गांधी की याचिका को खारिज कर दिया था कानूनी विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर शीर्ष अदालत राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाती है, इससे उनकी लोकसभा सदस्यता बहाल हो जाएगी.