मथुरा, नौ दिसंबर: मथुरा की एक विशेष अदालत ने 10 साल की बच्ची के दुष्कर्म एवं हत्या मामले की त्वरित सुनवाई करते हुए दोषी व्यक्ति को शुक्रवार को मौत की सजा सुनाई. सरकारी अधिवक्ता ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मौत की सजा उच्च न्यायालय द्वारा पुष्टि किए जाने के बाद लागू होगी. Uttar Pradesh: लखनऊ में मौसी के घर में चोरी करने वाला गिरफ्तार, 5.68 लाख रुपये और 28 लाख के गहने बरामद.
शैलेश कुमार पांडे, SSP, मथुरा ने बताया, '13 अक्टूबर को एक घटना में नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या की गई थी. मामले में कोर्ट ने 55 दिन के अंदर फैसला सुनाते हुए आरोपी को मृत्यु दंड की सजा सुनाई है.'
13 अक्टूबर को एक घटना में नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या की गई थी। मामले में कोर्ट ने 55 दिन के अंदर फैसला सुनाते हुए आरोपी को मृत्यु दंड की सजा सुनाई है: शैलेश कुमार पांडे, SSP, मथुरा (09.12) pic.twitter.com/hHLjBwKjmS
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 9, 2022
यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अदालत की विशेष लोक अभियोजक अलका शर्मा ‘उपमन्यु’ ने कहा, “अपर सत्र जिला न्यायाधीश और विशेष न्यायाधीश पॉक्सो अधिनियम विपिन कुमार ने 26 दिनों की त्वरित सुनवाई में आरोपी सतीश को मौत की सजा सुनाई और उस पर 45,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया. जुर्माने की 80 फीसदी रकम पीड़िता के माता-पिता को दी जाएगी.”
उपमन्यु ने बताया कि कोतवाली थाना क्षेत्र निवासी सतीश (30) 13 अक्टूबर 2022 को अपनी कॉलोनी में रहने वाली एक नाबालिग को बहला-फुसलाकर प्रेम महाविद्यालय पॉलिटेक्निक कॉलेज के पास के जंगल में ले गया था और वहां उसके साथ दुष्कर्म किया था.
उन्होंने बताया कि आरोपी ने अपराध का खुलासा होने के डर से बच्ची की हत्या कर उसका शव जंगल में छोड़ दिया था और वहां से फरार हो गया था. उपमन्यु के अनुसार, लड़की की मां ने उसी दिन जैत थाने में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 363 (अपहरण), 376 ए-बी (दुष्कर्म), 302 (हत्या) और पॉक्सो अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी.
इसके बाद आरोपी को 14 अक्टूबर को गिरफ्तार कर लिया गया था. पुलिस ने जांच के बाद 14 नवंबर 2022 को अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था. उपमन्यु के मुताबिक, न्यायाधीश ने गवाहों के बयान और चिकित्सकीय रिपोर्ट आदि के आधार पर सतीश को मौत की सजा सुनाई है. हालांकि, उन्होंने बताया कि मौत की सजा उच्च न्यायालय द्वारा पुष्टि किए जाने के बाद लागू होगी.