Cyclone Dana: ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में गंभीर चक्रवात 'दाना' की तबाही का खतरा मंडरा रहा है. चक्रवात गुरुवार को ओडिशा तट से लगभग 200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित था, जिससे राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश, तेज हवाएं और उफनते समुद्र की स्थिति पैदा हो गई. भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, चक्रवात शुक्रवार सुबह भितरकनिका नेशनल पार्क और धामरा पोर्ट के बीच ओडिशा के तट से टकराने की संभावना है, जिसके दौरान हवाओं की गति 120 किमी/घंटा तक पहुंच सकती है.
मौसम विभाग की निदेशक मनोरमा मोहंती के अनुसार, चक्रवात 'दाना' उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ेगा और पुरी तथा सागर द्वीप के बीच ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों से गुजरेगा. इस दौरान हवाओं की गति 100-110 किमी/घंटा रह सकती है, जबकि झोंके 120 किमी/घंटा तक जा सकते हैं. प्रभावित जिलों में भारी नुकसान की आशंका है.
IMD ने जारी किया रेड अलर्ट
IMD ने ओडिशा के सात जिलों मयूरभंज, कटक, जाजपुर, बालासोर, भद्रक, केंद्रापड़ा और जगतसिंहपुर के लिए 'रेड वार्निंग' जारी की है, जहां भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है. इसके अलावा, पुरी, खुर्दा, नयागढ़ और ढेंकानाल सहित पांच जिलों के लिए 'ऑरेंज वार्निंग' दी गई है, जिससे लोगों को सतर्क और तैयार रहने का निर्देश दिया गया है.
भुवनेश्वर और कोलकाता में उड़ानें स्थगित
सुरक्षा कारणों से भुवनेश्वर हवाई अड्डे पर उड़ान संचालन आज शाम 5:00 बजे से 25 अक्टूबर की सुबह 9:00 बजे तक अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया है. इसी तरह, कोलकाता हवाई अड्डे ने भी गुरुवार शाम 6:00 बजे से 15 घंटे के लिए उड़ानें रोक दी हैं.
कोलकाता हवाई अड्डे के निदेशक प्रवात रंजन बेउरिया ने बताया कि अंतिम उड़ान के प्रस्थान के बाद टर्मिनल के सभी प्रवेश और निकास द्वार सील कर दिए जाएंगे और विमान पार्किंग क्षेत्र में खड़े विमानों को सुरक्षित रूप से बांधा जाएगा. ये कदम यात्रियों और हवाई अड्डे के ढांचे की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए जा रहे हैं.
समुद्री किनारे के क्षेत्रों में चेतावनी
तटीय क्षेत्रों में समुद्र की स्थिति खतरनाक बनी हुई है, और वहां रह रहे लोगों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर जाने का निर्देश दिया गया है. मछुआरों को अगले 48 घंटों के लिए समुद्र में जाने से मना किया गया है, और आपदा प्रबंधन टीमें भी पूरी तरह से तैयार हैं.
चक्रवात से निपटने की तैयारी
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने राज्य सरकार की तैयारियों की समीक्षा की और बताया कि अब तक चिह्नित "खतरनाक क्षेत्र" में रहने वाले लगभग 30% लोग, यानी 3-4 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है. बाकी लोगों को सुरक्षित निकालने का काम तेजी से जारी है.