Cyclone Dana: चक्रवात दाना तेजी से ओडिशा के तट की ओर बढ़ रहा है, जिससे राज्य की लगभग आधी आबादी प्रभावित होने की संभावना है. इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने भुवनेश्वर के लोक सेवा भवन में उच्च स्तरीय बैठक बुलाई और आपदा से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की. बैठक के दौरान, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस प्राकृतिक आपदा में किसी भी प्रकार की जनहानि न हो. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि "जीरो कैज़ुअल्टी" सुनिश्चित की जाए.
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ओडिशा के मंत्री कृष्ण चंद्र महापात्रा ने बताया कि सभी क्षेत्र जो चक्रवात के लैंडफॉल (तट पर पहुंचने) के दौरान प्रभावित हो सकते हैं, वहां पूरी सतर्कता बरती जा रही है. "सभी मंत्रियों को प्रभावित क्षेत्रों की ज़िम्मेदारी दी गई है. प्रत्येक जिले में एक IAS अधिकारी भी तैनात किया गया है. अधिकारी और हमारी पार्टी के कार्यकर्ता पूरी ईमानदारी से काम कर रहे हैं," महापात्रा ने कहा.
ओडिशा के सात जिलों में अलर्ट
IMD ने ओडिशा के सात जिलों मयूरभंज, कटक, जाजपुर, बालासोर, भद्रक, केन्दुझर और जगतसिंहपुर के लिए भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. पुरी में, प्रशासन ने जगन्नाथ मंदिर के दौरे को स्थगित करने की सलाह दी है और इस ऐतिहासिक मंदिर की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं.
शुक्रवार को लैंडफॉल
ओडिशा और पश्चिम बंगाल दोनों राज्यों में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमें तैयार स्थिति में हैं. चक्रवात दाना के शुक्रवार को भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान और धामरा पोर्ट के बीच तट से टकराने की संभावना है, जिसमें हवाओं की गति 120 किमी प्रति घंटा तक हो सकती है.
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चक्रवात की वर्तमान स्थिति
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, चक्रवात दाना ने पिछले छह घंटों में 12 किमी प्रति घंटे की गति से उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ा है. यह पारादीप (ओडिशा) से लगभग 210 किमी दक्षिण-पूर्व, धामरा से 240 किमी और सागर द्वीप (पश्चिम बंगाल) से 310 किमी दक्षिण में स्थित है.
गुरुवार सुबह से ओडिशा के तटीय इलाकों में भारी बारिश और तेज हवाओं की सूचना है. पारादीप में 62 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि केन्दुझर के राजनगर क्षेत्र में 24 मिमी बारिश हुई है. बालासोर, भद्रक, भितरकनिका और पुरी के कुछ हिस्सों में पेड़ों के उखड़ने से सड़कों पर जाम लग गया है.
पश्चिम बंगाल में भी अलर्ट
पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में गुरुवार सुबह से ही मध्यम से भारी बारिश और तेज हवाएं चल रही हैं. कोलकाता में भी आसमान बादलों से ढका रहा और रुक-रुक कर बारिश होती रही. IMD ने गुरुवार और शुक्रवार को दक्षिण बंगाल के जिलों उत्तर और दक्षिण 24 परगना, पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर, झारग्राम, कोलकाता, हावड़ा और हुगली में भारी बारिश और तेज हवाओं की चेतावनी दी है.
लोगों की सुरक्षा के इंतजाम
ओडिशा में लगभग 3 लाख और पश्चिम बंगाल में 1.14 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है. ओडिशा में 7,285 चक्रवात केंद्र बनाए गए हैं, और 91 मेडिकल टीमें तैनात की गई हैं. 19 NDRF, 51 ODRAF और अग्निशमन दल की टीमें भी पूरी तरह से तैयार हैं.
ओडिशा और पश्चिम बंगाल में सभी स्कूल और शैक्षणिक संस्थान 26 अक्टूबर तक बंद रहेंगे. भुवनेश्वर और कोलकाता हवाईअड्डों पर शाम 5 बजे से उड़ानों को भी निलंबित कर दिया गया है.