नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Coronavirus) ने भारत में कोहराम मचा रखा है. कोविड-19 से संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. देश में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या 649 पहुंच गई हैं. इसमें 16 लोगो की मौत हुई है. वही 42 ऐसे लोग हैं जो रिकवर हुए हैं. कोरोना से लड़ने के लिए प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने मंगलवार को 21 दिनों के लॉकडाउन का ऐलान किया हुआ है. हालांकि केंद्र सहित राज्य सरकारें दावा कर रही हैं कि खाने-पीने की चीजों की कोई कमी नहीं होगी. लेकिन इस लॉकडाउन का असर दिहाड़ी मजदुर सहित ऐसे लोगों पर पड़ा है जो रोज कमाते हैं और रोज खातें हैं. कई जगहों से ऐसे मामले लगातार सामने आ रहे हैं जिसमे गरीब मजदुर खाने-पीने की चीजों को लेकर परेशान है और सरकार से मदद मांग रहे है. राजधानी दिल्ली में लॉकडाउन के बीच काम करने वाले दिहाड़ी मजदूर ने कहा कि हम लोग गरीब हैं काम बंद होने की वजह से परिवार का पालन करना मुश्किल हो गया है. हमें न तो मजदूरी मिल रही है न खाना मिल रहा है न पानी है.
इन लोगों ने सरकार से मदद की अपील की है. इनका यह भी कहना है कि कुछ नहीं तो गाड़ी भिजवा दें तो हम अपने घर चले जाएंगे. इन मजदूरों का कहना है कि हम लोग कोरोना वायरस की बीमारी से पहले भूख से ही मर जाएंगे अगर सरकार ने हमारी मदद नहीं की. वही मजदूरों का कहना है मकान मालिक महीने का किराया भी मांग रहे हैं. यह भी पढ़े-कोरोना से जंग: मोदी सरकार ने गरीबों के लिए 1 लाख 70 हजार करोड़ के पैकेज का किया ऐलान, 20 करोड़ महिलाओं को हर महीने देगी 500 रुपये
ANI का ट्वीट-
Delhi: Daily wagers at Fatehpur Beri facing trouble in wake of #CoronavirusLockdown. Samima, native of Bihar, says,"Our children have been surviving on water for the past 2 days. Landlords are demanding the monthly rent. I urge the govt to either help or send us to our villages". pic.twitter.com/Era95ZlML8
— ANI (@ANI) March 26, 2020
वही देश की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना संकट के बीच गरीबों और मजदूरों की परेशानियों को देखते हुए गुरुवार को 1,70,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज के रूप में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज का ऐलान किया है. वित्तमंत्री ने आगे कहा कि इस पैकेज के तहत गरीबों और दिहाड़ी मजदूरों को सीधे उनके बैंक अकाउंट में नकद राशि दी जायेगी.