फ्री कोरोना टेस्ट के बाद अब ‘मास टेस्ट’ के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर, जल्द हो सकती है सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट (File Photo)

नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते प्रकोप के बीच शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक याचिका दायर कर घर-घर जाकर कोविड-19 टेस्ट करने की अपील की गई है. कुछ दिन पहले ही शिर्ध कोर्ट ने केंद्र को मंजूरी प्राप्त सभी सरकारी और निजी प्रयोगशालाओं में कोविड-19 (COVID-19) संक्रमण की मुफ्त जांच सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था.

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट में आज दायर याचिका में भारत सरकार को यह निर्देश देने के लिए कहा गया है कि हॉटस्पॉट शहरों में कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्तियों की पहचान और उपचार के लिए बड़े पैमाने पर घर-घर परीक्षण करना चाहिए. याचिकाकर्ता का कहना है कि ऐसा करने पर देश में जानलेवा वायरस के प्रसार को नियंत्रित किया जा सकता है. वर्तमान स्थिति को देखकर याचिका पर जल्द सुनवाई होने की उम्मीद है. कोरोना की चपेट में पूरा महाराष्ट्र, COVID-19 के 16 नए मामलों के साथ संख्या बढ़कर हुई 1380

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को निर्देश दिया था कि सरकार से मंजूरी प्राप्त सभी सरकारी और निजी प्रयोगशालाओं में कोविड-19 के संक्रमण की जांच मुफ्त में की जानी चाहिए. साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार को तत्काल ही इस संबंध में निर्देश जारी करने को कहा था. फ्री कोरोना टेस्ट के लिए सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर, सरकारी और प्राइवेट लैब में निशुल्क जांच की मांग

जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस रविंद्र भट की बेंच ने जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान कहा कि कोविड-19 से संबंधित जांच एनएबीएल से मान्यता प्राप्त या फिर विश्व स्वास्थ संगठन या भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद से मंजूरी प्राप्त किसी एजेंसी द्वारा ही करायी जानी चाहिए. कोर्ट ने याचिका की सुनवाई वीडियो कांफ्रेन्सिग के माध्यम से की.

उल्लेखनीय है कि देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे है. केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने बताया कि देश के विभिन्न हिस्सों में महज 12 घंटे में कोविड-19 के 547 नए मरीज मिले. जबकि 30 लोगों की मौत हुई है. देश में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या बढ़कर 6412 हो गई है, जिसमें से 504 मरीज जानलेवा वायरस से मुक्त हो गए है.