कई दशक पुराने इस स्कैंडल में हजारों ब्रिटिश लड़कियों को निशाना बनाने का पता चला था. इस मामले में पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश लोगों को जिम्मेदार ठहराया गया था.अमेरिकी कारोबारी इलॉन मस्क ने ब्रिटिश लड़कियों के यौन शोषण के मामले में पर्याप्त कार्रवाई नहीं करने के लिए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर को कड़ी आलोचना की है. हालांकि इलॉन मस्क के बयान के लिए उनका भी विरोध हो रहा है. मस्क ने जिस स्कैंडल के लिए स्टार्मर की आलोचना की है वह मामला अंग्रेज लड़कियों के शोषण का है. ब्रिटेन के कई शहरों में दशकों तक चले यौन शोषण के इन मामलों में हजारों लड़कियां शिकार बनीं.
ग्रूमिंग गैंग स्कैंडल
ब्रिटेन की एक जांच रिपोर्ट में बताया गया कि देश में पुरुषों के कई गैंग खासतौर से गोरी लड़कियों को अपने जाल में फंसाते थे. गैंग के सदस्यों में ज्यादातर पाकिस्तानी मूल के थे. हालांकि कुछ सदस्य अरबी मूल के भी थे. उनकी नजर गरीब, उपेक्षित लड़कियों पर रहती थी. इनमें से कई तो चिल्ड्रेंस होम में रहती थीं. रिपोर्ट के मुताबिक इस गैंग कई शहरों में सक्रिय थे लेकिन इनमें रोदरहैम, रॉखडेल, ऑक्सफर्ड और ब्रिस्टल का खासतौर से नाम लिया जाता है. इन्हीं गैंग को ग्रूमिंग गैंग कहा गया. हजारों लड़कियों को गैंग के सदस्यों ने अपना शिकार बनाया था.
2014 में सौंपी गई इस सरकारी जांच की रिपोर्ट में बताया गया कि रोदरहैम में एक गैंग ने कम से कम 1,400 लड़कियों को अपना शिकार बनाया. रिपोर्ट के मुताबिक गैंग के सदस्यों ने 1997 से लेकर अगले 16 सालों के दौर में इन लड़कियों को नशीली दवाएं दीं और उनका बलात्कार और यौन शोषण किया. जांच के बाद जारी रिपोर्ट में पुलिस और स्थानीय अधिकारियों की भी जम कर आलोचना की गई.
रिपोर्ट सामने आने के बाद पूरा देश स्तब्ध था. इसने दक्षिणपंथी नेताओं को देश के "टू टीयर" न्याय तंत्र पर सवाल उठाने का भी मौका दिया, जिसमें देश के जातीय अल्पसंख्यक समूहों के साथ अलग व्यवहार किया जाता है. ब्रिटेन की नेशनल क्राइम एजेंसी ने मामला बढ़ने के बाद ऑपरेशन स्टोववुड लॉन्च किया था. ब्रिटेन में अपनी तरह का यह सबसे बड़ा अभियान था. इसने रोदरहैम के तमाम गिरहों की जांच शुरू की और अब तक करीब 30 लोगों को लंबी अवधि के जेल की सजा मिली है.
टेलफोर्ट के स्थानीय प्रशासन के एक स्वतंत्र जांच आयोग की जांच में ग्रूमिंग गैंग के 1,000 पीड़ितों का अनुमान लगाया. इन्हें 35 साल के दौर में निशाना बनाया गया था. इसी तरह मैनचेस्टर के पास रॉखडेल में गठित एक और जांच आयोग ने पता लगाया कि 40 पुरुषों को 13 बच्चों के खिलाफ यौन हिंसा के आरोपों में सजा दी गई. ये बच्चे "इन गैंगों की चपेट में" 2004 से 2013 के बीच के आए थे. रिपोर्ट ने 96 ऐसे लोगों की भी पहचान की थी जो बच्चों के लिए खतरा थे और इसके साथ ही यह भी कहा था कि यह दुर्व्यवहार में शामिल लोगों का एक बहुत छोटा हिस्सा है. ग्रूमिंग गैंग पीड़ितों की सही संख्या का आज भी पता नहीं चल सका है.
मस्क के निशाने पर ब्रिटिश प्रधानमंत्री
इलॉन मस्क ने इस मामले में अभियोजक के तौर पर निभाई किएर स्टार्मर की भूमिका को लेकर उनकी आलोचना की है. वह 2008 से 2013 के बीच इंग्लैंड और वेल्स के अभियोजन कार्यालय के प्रमुख थे. अमेरिकी अरबपति ने इस विवाद पर एक नई सरकारी जांच बिठाने पर सहमति नहीं बना पाने के लिए स्टार्मर प्रशासन की आलोचना की है. बीते कुछ दिनों में मस्क ने एक्स पर इस मामले से जुड़े कई पोस्ट डाले हैं.
ब्रिटेन के मंत्रियों की दलील है कि सरकार ने "द इंडिपेंडेंट इंक्वायरी इन टु चाइल्ड सेक्सुअल अब्यूज" नाम से एक जांच कराई थी, जिसने अलग अलग संस्थाओं की 15 जांचों पर 19 रिपोर्ट प्रकाशित की. इसमें आखिरी रिपोर्ट अक्टूबर 2022 में जारी की गई थी. हालांकि आलोचकों का कहना है कि इनमें ग्रूमिंग गिरोहों पर ध्यान नहीं दिया गया.
मस्क ने सोमवार को एक्स पर लिखा है, "स्टार्मर ने बड़ी संख्या में हुए बलात्कारों के मामले में गहरी सहभागिता दिखाई थी और उसके बदले वोट हासिल किए. जांच रिपोर्ट में यही दिखेगा."
मस्क ने सुरक्षा मामलों की मंत्री जेस फिलिप्स को भी निशाने पर लिया. मस्क का कहना है कि उन्होंने अल्टहैम की परिषद से मिले जांच के अनुरोध को ठुकरा दिया. मैनचेस्टर के पास मौजूद यह एक और कस्बा है जहां ग्रूमिंग गैंग सक्रिय थे. मस्क का कहना है, "उन्हें जेल होनी चाहिए."
ओल्डहैम में एक स्वतंत्र जांच ने यह नतीजा दिया था कि कमजोर बच्चों का यौन शोषण प्रशासन की "गंभीर नाकामी" की वजह से हुआ. हालांकि इस जांच की भी आलोचना हुई क्योंकि इसमें सिर्फ 2011 से 2014 के मामलों पर ही ध्यान दिया गया.
स्थानीय प्रशासन ने इस साल जुलाई में सरकार से इस मामले की गहरी छानबीन कराने का अनुरोध किया था. फिलिप्स ने इसके जवाब में कहा, "ओल्डहैम की परिषद को बच्चों के यौन शोषण की जांच स्थानीय रूप से कराने पर खुद फैसला करना है ना कि सरकार को इसमें दखल देना है."
प्रधानमंत्री स्टार्मर ने मस्क के हमले के बाद अपने कामकाज का बचाव किया है और उन लोगों की आलोचना की है जो "झूठ फैला" रहे हैं. उनका कहना है, "एक सीमा लांघी गई है" जिसके बाद फिलिप्स के लिए "गंभीर खतरा" है
इस मुद्दे पर भारत में भी चर्चा हो रही है. शिवसेना की राज्य सभा सांसद प्रियंका चौधरी ने एक्स पर डाली पोस्ट में कहा है, "मेरे बाद दोहराइए यह एशियन ग्रूमिंग गैंग नहीं बल्कि पाकिस्तानी ग्रूमि्ंग गैं है." इलॉन मस्क ने इस पोस्ट पर जवाब भी दिया है.
एनआर/वीके (एएफपी)