कोरोना वायरस (Coronavirus) से बचने के लिए मास्क लगाना जरूरी नियमों में से एक है. घर के बाहर बिना मास्क के जाने पर कई राज्यों ने भारी जुर्माने तक का प्रावधान कर दिया है. ऐसे में कई लोगों को मास्क लगाने में परेशानी हो रही है, तो कुछ लोगों में मास्क को लेकर कई भ्रम अब भी हैं. ऐसे में मास्क से जुड़ी तमाम परेशानियों और भ्रम को लेकर आए तमाम तरह की अफवाहें भी सोशल मीडया पर फैलाई जा रही है. सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हुआ, जिसमें लिखा था कि मास्क लगाने से मुंह से निकलने वाली कार्बन डाइऑक्साइड मास्क में रह जाती है और जब हम सांस लेते हैं, तो वही वापस चली जाती है.
इस पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संसथान (एम्स) नई दिल्ली के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि यह गलत धारणा हैं, क्योंकि जब हम सांस निकालते हैं तो हमारे अंदर से निकलने वाली हवा में बहुत ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा नहीं होती और जब हवा अंदर जाती है, तो बहुत कम मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड ही रह जाती है.वहीं उन्होंने कहा कि हमारे शरीर में कार्बन डाइऑक्साइड निकालने की क्षमता फेफड़े में बहुत अच्छी है। इसलिए परेशान न हों आपके अंदर न तो ऑक्सीजन की कमी होगी और न ही कार्बन डाइऑक्साइड की अधिकता. जब भी बाहर निकलें, मास्क जरूर लगाएं. आम लोगों के लिए घर का बना कॉटन का ट्रिपल लेयर मास्क लगाने को कहा गया है. यह भी पढ़े: कोरोना संकट के बीच कर्नाटक सरकार का फैसला, मास्क न लगाने पर लगेगा 200 रुपये का जुर्माना
लेकिन लोगों अभी इस असमंजस में हैं कि जब डॉक्टर एन95 मास्क प्रोग कर सकते हैं तो आम आदमी क्यों नहीं। साथ ही लोग यह भी जानना चाहते हैं कि कौन सा मास्क ज्यादा सुरक्षित है। इस पर डॉ रणदीप गुलेरिया ने बताया कि तीन तरह के मास्क हैं, एक कपड़े के जो घर में और बाजार में भी मिल रहे हैं। लेकिन वो ऐसे होने चाहिए कि हवा बाहर न जाए. इससे वायरस के कण अंदर से बाहर नहीं जाएंगे और न ही बाहर से वायरस के कण अंदर आएंगे। दूसरा ट्रिपल लेयर वाला सर्जिकल मास्क उनके लिए है, जो अस्पतालों में काम करते हैं.
ये वो लोग हैं जो संक्रमितों के संपर्क में नहीं रहते हैं। लेकिन कोविड19 के अस्पताल में या कंटेनमेंट एरिया में कार्य करते हैं। तीसरा एन95 मास्क केवल कोविड एरिया में काम कर रहे डॉक्टरों, या जो आईसीयू में हैं और संक्रमित के डायरेक्ट संपर्क में हैं, उनके लिए है। क्योंकि उन्हें मरीजों का इलाज करना होता है इसलिए जो एन95 मास्क उनके लिए जरूरी है जो एकदम पैक होता है. उसमें हवा कहीं से पास नहीं होती। आम आदमी ऐसे मास्क को लगाकर लगाकर 5-8 घंटे नहीं रह सकता है. इसलिए सामान्य लोगों को केवल कपड़े वाला मास्क लगाने को कहा जाता है क्योंकि उनके लिए वह सही है.
मुंह से बार-बार मास्क हटाना खतरनाक
अक्सर देखने को मिलता है कि लोग मास्क लगाते हैं और फिर उन्हें नीचे गले के पास कर देते हैं। ऐसा बार-बार करने से खतरा बना रहता है। ऐसे में मास्क पहनने का सही तरीका क्या है. इस पर डॉ. एम के सेन ने कहा कि कोविड-19 से बचाव के लिए मास्क सबसे महत्वपूर्ण है. सामान्य लोगों को घर का बना कॉटन का ट्रिपल लेयर वाला मास्क पहनने की सलाह दी गई है। मास्क ऐसे लगाएं कि नाक और मुंह दोनों ढके रहें. एक बार मास्क लगा लिया है, तो कहीं बाहर जाने पर मास्क को उतारें नहीं, उससे संक्रमण का खतरा रहता है. क्योंकि अगर मास्क हाथ पर बैठा है और उसी हाथ से मास्क को टच करेंगे तो वायरस के मुंह और नाक के जरिए अंदर जाने की संभावना रहती है। इसलिए जब तक घर न पहुंचे मास्क नहीं उतारें और घर आकर मास्क को साबुन पानी से धोकर धूप में सुखाएं.
कई बार मास्क सांस के जरिए मुंह के पास गीला हो जाता है ऐसे में क्या करना चाहिए और एक मास्क को कितने देर लगाए रखना चाहिए। इस बारे में अक्सर स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अगर मास्क गीला हो जाए तो उसे सावधानी से उतार कर दूसरा मास्क पहन लें. लेकिन ध्यान रखें हाथ साबस्क को लेकर कई भ्रम अब भी हैं. ऐसे में मास्क से जुड़ी तमाम परेशानियों और भ्रम को लेकर आए तमाम तरह की अफवाहें भी सोशल मीडया पर फैलाई जा रही है. सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हुआ, जिसमें लिखा था कि मास्क लगाने से मुंह से निकलने वाली कार्बन डाइऑक्साइड मास्क में रह जाती है और जब हम सांस लेते हैं, तो वही वापस चली जाती है.
इस पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संसथान (एम्स) नई दिल्ली के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि यह गलत धारणा हैं, क्योंकि जब हम सांस निकालते हैं तो हमारे अंदर से निकलने वाली हवा में बहुत ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा नहीं होती और जब हवा अंदर जाती है, तो बहुत कम मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड ही रह जाती है.वहीं उन्होंने कहा कि हमारे शरीर में कार्बन डाइऑक्साइड निकालने की क्षमता फेफड़े में बहुत अच्छी है। इसलिए परेशान न हों आपके अंदर न तो ऑक्सीजन की कमी होगी और न ही कार्बन डाइऑक्साइड की अधिकता. जब भी बाहर निकलें, मास्क जरूर लगाएं. आम लोगों के लिए घर का बना कॉटन का ट्रिपल लेयर मास्क लगाने को कहा गया है. यह भी पढ़े: कोरोना संकट के बीच कर्नाटक सरकार का फैसला, मास्क न लगाने पर लगेगा 200 रुपये का जुर्माना
लेकिन लोगों अभी इस असमंजस में हैं कि जब डॉक्टर एन95 मास्क प्रोग कर सकते हैं तो आम आदमी क्यों नहीं। साथ ही लोग यह भी जानना चाहते हैं कि कौन सा मास्क ज्यादा सुरक्षित है। इस पर डॉ रणदीप गुलेरिया ने बताया कि तीन तरह के मास्क हैं, एक कपड़े के जो घर में और बाजार में भी मिल रहे हैं। लेकिन वो ऐसे होने चाहिए कि हवा बाहर न जाए. इससे वायरस के कण अंदर से बाहर नहीं जाएंगे और न ही बाहर से वायरस के कण अंदर आएंगे। दूसरा ट्रिपल लेयर वाला सर्जिकल मास्क उनके लिए है, जो अस्पतालों में काम करते हैं.
ये वो लोग हैं जो संक्रमितों के संपर्क में नहीं रहते हैं। लेकिन कोविड19 के अस्पताल में या कंटेनमेंट एरिया में कार्य करते हैं। तीसरा एन95 मास्क केवल कोविड एरिया में काम कर रहे डॉक्टरों, या जो आईसीयू में हैं और संक्रमित के डायरेक्ट संपर्क में हैं, उनके लिए है। क्योंकि उन्हें मरीजों का इलाज करना होता है इसलिए जो एन95 मास्क उनके लिए जरूरी है जो एकदम पैक होता है. उसमें हवा कहीं से पास नहीं होती। आम आदमी ऐसे मास्क को लगाकर लगाकर 5-8 घंटे नहीं रह सकता है. इसलिए सामान्य लोगों को केवल कपड़े वाला मास्क लगाने को कहा जाता है क्योंकि उनके लिए वह सही है.
मुंह से बार-बार मास्क हटाना खतरनाक
अक्सर देखने को मिलता है कि लोग मास्क लगाते हैं और फिर उन्हें नीचे गले के पास कर देते हैं। ऐसा बार-बार करने से खतरा बना रहता है। ऐसे में मास्क पहनने का सही तरीका क्या है. इस पर डॉ. एम के सेन ने कहा कि कोविड-19 से बचाव के लिए मास्क सबसे महत्वपूर्ण है. सामान्य लोगों को घर का बना कॉटन का ट्रिपल लेयर वाला मास्क पहनने की सलाह दी गई है। मास्क ऐसे लगाएं कि नाक और मुंह दोनों ढके रहें. एक बार मास्क लगा लिया है, तो कहीं बाहर जाने पर मास्क को उतारें नहीं, उससे संक्रमण का खतरा रहता है. क्योंकि अगर मास्क हाथ पर बैठा है और उसी हाथ से मास्क को टच करेंगे तो वायरस के मुंह और नाक के जरिए अंदर जाने की संभावना रहती है। इसलिए जब तक घर न पहुंचे मास्क नहीं उतारें और घर आकर मास्क को साबुन पानी से धोकर धूप में सुखाएं.
कई बार मास्क सांस के जरिए मुंह के पास गीला हो जाता है ऐसे में क्या करना चाहिए और एक मास्क को कितने देर लगाए रखना चाहिए। इस बारे में अक्सर स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अगर मास्क गीला हो जाए तो उसे सावधानी से उतार कर दूसरा मास्क पहन लें. लेकिन ध्यान रखें हाथ साबुन पानी से या सेनिटाइंजर से पहले साफ हो. कपड़े से बने मास्क को 5-6 घंटे लगाने के बाद या एक बार बाहर से घर आने पर साबुन पानी से धो लें तभी दोबारा प्रयोग करें। लेकिन यहां ध्यान देने की बात ये है कि अगर अस्पताल जा रहे हैं या किसी संक्रमित के पास जाना है तो ऐसे में सर्जिकल मास्क का प्रयोग करें और प्रयोग के बाद उसे नष्ट कर दें.
कई बार बुजुर्ग या जिन्हें सांस की बीमारी है ऐसे लोगों को मास्क लगाने में परेशानी होती है, ऐसे में स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कई बार कुछ ऐसा होता है जिसकी हमे आदत नहीं होती, लेकिन वक्त के साथ उसे स्वीकर करना पड़ता है. उसी तरह मास्क है। कई लोगों को मास्क से परेशानी होगी. लेकिन जरूरी है कि अभी लॉकडाउन है ऐसे में घर में भी मास्क लगाने की आदत डालते रहे. जिससे अगर बाहर जाना होगा तो मास्क लगाने में परेशानी न हो। क्योंकि यह वायरस से बचने के लिए बहुत जरूरी है. बुजुर्गों को इस बात का विशेष ध्यान रखना है और इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करना है.