मुंबई, 25 अक्टूबर: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (Narcotics Control Bureau) (एनसीबी) के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) ने एक क्रूज शिप रेव पार्टी पर छापेमारी में एक गवाह के खुलासे से बौखलाकर संभावित 'कानूनी कार्रवाई' से बचाने के लिए रविवार को पुलिस से मदद मांगी. मुंबई के पुलिस आयुक्त (हेमंत नागराले) को लिखे एक पत्र में वानखेड़े ने दावा किया कि उन्हें पता चला है कि उन्हें गलत तरीके से फंसाने के लिए 'कुछ कानूनी कार्रवाई' की गई. यह भी पढ़े: Aryan Khan Drug Case: एनसीबी के गवाह के रिश्वत वाले आरोप से महाराष्ट्र में राजनीतिक तूफान, नेताओं ने लगाए गंभीर आरोप
कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने 2 अक्टूबर को क्रूजर पर छापे की योजना बनाई थी. पिछले हफ्ते राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक के एक बयान का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए, एनसीबी प्रमुख ने लिखा, "यह भी आपके ध्यान में लाया गया है कि सार्वजनिक मीडिया पर अधोहस्ताक्षरी के खिलाफ अत्यधिक सम्मानजनक द्वारा जेल और बर्खास्तगी की धमकी जारी की गई है. "
आईआरएस अधिकारी ने मुंबई पुलिस प्रमुख से यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा कि इस तरह की कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी. उन्हें गलत उद्देश्यों से फंसाया जा रहा है. वानखेड़े ने पहले शहर और राज्य पुलिस में जीवन के लिए खतरे की बात कहते हुए शिकायत की थी. उन्होंने नागराले को याद दिलाया कि एनसीबी के उप महानिदेशक, दक्षिण पश्चिम क्षेत्र, मुथा अशोक जैन पहले ही नए मामले (गवाह के सनसनीखेज खुलासे) आवश्यक कार्रवाई के लिए एनसीबी मुख्यालय को भेज चुके हैं.
एनसीबी के गवाह प्रभाकर सेल के बयानों ने सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी के सहयोगी शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-कांग्रेस द्वारा केंद्रीय एजेंसी और वानखेड़े की आलोचना करने के साथ एक बड़ा राजनीतिक युद्ध छेड़ दिया है. एमवीए भागीदारों ने मुंबई पुलिस से स्वत: संज्ञान लेकर जांच करने, एनसीबी मामलों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल गठित करने, सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप आदि की मांग की है.