Farmers Protest: कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन 26 जनवरी के बाद कल एक बार फिर से उग्र होने जा रहा है. किसानों की तरफ से ऐलान हुआ है कि कल यानी शनिवार को इस काले कानून के विरोध में कुछ राज्यों को छोड़कर पूरे देश में चक्का जाम होगा. हालांकि किसान नेताओ की तरफ से अपील की गई है कि वे शांन्तिपूर्ण तरीके से चक्का जाम में शामिल हो. किसानों के इस चक्का जाम को कांग्रेस का समर्थन मिला है. किसानों के चक्का जमा को अपना समर्थन देते हुए कांग्रेस (Congress) की तरफ से एक ट्वीट किया गया. लिखा गया कि कांग्रेस ने कल किसान संगठनों द्वारा किए जाने वाले 'चक्का जाम' का समर्थन किया है.
किसानों का यह चक्का जाम अब तक पूरे देश में होने वाला था. लेकिन आज दोपहर बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने ऐलान करते हुए कहा, कि दिल्ली की सीमा के अंदर कोई चक्का जाम प्रोग्राम नहीं होगा. " दरअसल मोर्चा के अनुसार दिल्ली एनसीआर में हो रहे विरोध स्थल पहले से ही चक्का जाम मोड में हैं. दिल्ली में प्रवेश करने के लिए सभी सड़कें खुली रहेंगी, सिवाय उनके, जहां पहले से ही किसानों के ठिकाने हैं. वहीं राकेश टिकैत ने कहा "उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड राज्य में कृषि कार्य व परिस्थितियों को देखते हुए भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर 6 फरवरी को होने वाला चक्का जाम का फैसला वापस लिया गया, किसान जिलाधिकारी या उपजिलाधिकारी को ज्ञापन सौपेंगे. यह भी पढ़े: Farmers Protest: दिग्विजय सिंह का सरकार पर निशाना, कहा- कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को नहीं है खेती की समझ
Congress party extends their support to the 'Chakka Jam' called by farmer unions tomorrow.#FarmLaws
— ANI (@ANI) February 5, 2021
वहीं संयुक्त किसान मोर्चा ने 6 फरवरी को होने वाले चक्का जाम पर कुछ महत्वपूर्ण दिशा निर्देश जारी किए हैं. जिसमें देश भर में राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों को दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक जाम किया जाएगा. चक्का जाम के दौरान, इमरजेंसी और आवश्यक सेवाओं जैसे एम्बुलेंस, स्कूल बस आदि को नहीं रोका जाएगा. साथ ही चक्का जाम पूरी तरह से शांतिपूर्ण और अहिंसक रहेगा. मोर्चा की तरफ से प्रदर्शनकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि, "वे इस कार्यक्रम के दौरान किसी भी अधिकारी, कर्मचारियों या आम नागरिकों के साथ किसी भी टकराव में शामिल न हों.