नई दिल्ली, 3 मई : काठमांडू में एक नाइट क्लब पार्टी में राहुल गांधी का वीडियो वायरल होने के बाद मंगलवार को कांग्रेस और भाजपा के बीच जमकर नोकझोंक हुई. वीडियो को लेकर दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर हमले कर रही हैं और कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पाकिस्तान दौरे को लेकर अपनी आलोचना दोहराई. कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी का वीडियो शेयर करते हुए तंज कसा, "नियमित पार्टियां, छुट्टियां, मनोरंजन, आनंद भरी यात्राएं, निजी विदेश यात्राएं आदि अब राष्ट्र के लिए कोई नई बात नहीं हैं. एक निजी नागरिक के रूप में तो कोई मुद्दा नहीं है, लेकिन जब एक सांसद, एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल का स्थायी मालिक, जो दूसरों को उपदेश देता रहता है..."
जैसे ही राहुल के खिलाफ भाजपा ने निशाना साधना शुरू किया तो दोनों पार्टियों के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई. कांग्रेस ने प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए जवाब दिया कि वह 'पाकिस्तान के दौरे पर प्रधानमंत्री की तरह बिन बुलाए मेहमान' नहीं हैं. कांग्रेस ने कहा कि राहुल गांधी एक पत्रकार मित्र की शादी में शामिल होने नेपाल गए हैं. कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, "मुझे बताएं ताकि हम अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों के विवाह में शामिल होने की परम्परा और सभ्यता की प्रथा को बदल सकें." यह भी पढ़ें : आरएफपी की शर्तों के कारण पी-75आई पनडुब्बी परियोजना में भाग ले पाने में असमर्थ: फ्रांसीसी नेवल ग्रुप
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक समाचार ब्रीफिंग में कहा, "राहुल गांधी नवाज शरीफ के साथ केक काटने के लिए पीएम मोदी की तरह बिन बुलाए मेहमान के रूप में पाकिस्तान नहीं गए हैं, और हम जानते हैं कि उसके बाद पठानकोट में क्या हुआ." उन्होंने कहा, "राहुल गांधी एक पत्रकार की शादी में शामिल होने के लिए एक मित्र देश नेपाल गए हैं. इसमें कुछ भी गलत नहीं है. यह हमारी संस्कृति का मामला है. यह कोई अपराध नहीं है. हो सकता है कि पीएम और भाजपा जल्द ही तय कर लें कि दोस्तों और परिवार के सदस्यों की शादियों में भाग लेना अपराध है."
बीजेपी नेता अमित मालवीय ने ट्विटर पर एक वीडियो डाला, जिसमें राहुल गांधी काठमांडू के एक नाइट क्लब में दिख रहे हैं, जहां वह एक शादी में शामिल होने गए हैं. मालवीय के मुताबिक राहुल गांधी एक नाइट क्लब में थे जब मुंबई मुश्किल में थी. वह ऐसे समय में एक नाइट क्लब में हैं जब उनकी पार्टी में विस्फोट हो रहा है. दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस ने जब अध्यक्ष पद को आउटसोर्स करने से इनकार किया तो उसके तुरंत बाद, उनके प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार पर जानकारियों की बाढ़ सी आ गई है.