Coal Crisis: कोयले की कमी से देश के 21 प्लाट्ंस बंद, आउटेज इकाइयों की क्षमता 11 GW से घटकर हुई 5 GW
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Twitter)

Coal Crisis: देश भर में बड़े स्तर पर कोयला संकट बना हुआ है. राज्य सरकारें इसका दोष केंद्र सरकार पर मढ़ रही हैं तो वहीं मोदी सरकार (Modi Government on Coal Crisis) इसका दोष राज्यों पर डाल रही हैं. वहीं इस बीच कोयले की कमी के चलते आउटेज के तहत कोयला आधारित क्षमता (Power System Operation Corporation Limited) पहले से और भी कम हो गई है. Power Crisis: केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी बोले, देश में बिजली संकट का खतरा नहीं

वहीं इस मामले में पावर सिस्टम ऑपरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (POSOCO) ने बताया है कि कोयले के कम स्टॉक के चलते आउटेज के तहत इकाइयों की कुल क्षमता 12 अक्टूबर को 11 GW से घटकर 14 अक्टूबर को 5 GW हो गई है. वहीं कोयले के संकट का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि महाराष्ट्र के 17 पंजाब के तीन और केरल के चार प्लांट पूरी तरह से बंद हो चुके हैं.

वहीं भारत का दुनिया का ऐसा चौथा देश है जहां बड़े स्तर पर कोयले का प्रोडक्शन होता है. बावजूद इसके देश कोयला संकट से जूझ रहा है. देश में 70 फीसदी बिजली का उत्पादन कोयले से ही होता है. लेकिन कोयले की कमी के चलते बिजली संकट गहरा गया है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, देश के 135 प्लांट्स में कोयले से बिजली का निर्माण किया जाता है. इनमें से 21 प्लांट्स में कोयला पूरी तरह खत्म हो चुका है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन प्लांट्स में कोयले का स्टॉक पूरी तरह खत्म हो चुका है. हांलाकि केंद्र सरकार इन सब बातों को सिरे से खारीज कर रही है लेकिन राज्य सरकारें कोयला संकट की बातें कर रही हैं.