Shivraj Singh Chouhan Dance: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री आवास में दीपावली के एक दिन उत्साह और उमंग से सराबोर रहा, कोरोना काल में अपने माता-पिता को खो चुके बच्चों के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी पत्नी साधना सिंह ने दीपावली मनाई. बच्चों के साथ खूब नाचे-गाए भी. मुख्यमंत्री चौहान ने स्मार्ट उद्यान में बच्चों के साथ पौधे रोपे और फिर उनके साथ अपने आवास पर दीपावली का पर्व मनाया. बच्चों ने प्रस्तुतियां दीं और मुख्यमंत्री ने बच्चों के साथ गीत गाया और उनके साथ नाचे भी. इस मौके पर मुख्यमंत्री के साथ उनकी धर्मपत्नी साधना सिंह भी थी, जिन्होंने बच्चों का खूब साथ दिया.
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा है कि कोविड या अन्य वजहों से माता-पिता को खोने वाले बच्चों की जिंदगी में खुशियों के रंग भरेंगे. राज्य सरकार ने जहां 18 वर्ष से कम आयु के ऐसे बच्चों को प्रति माह आर्थिक सहायता देने के लिए 'मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना' क्रियान्वित की, वहीं इस योजना का लाभ मिलने के बाद भी अनेक बच्चे पात्रता में नहीं आ पा रहे थे. ऐसे बच्चों की देख-रेख और संरक्षण के लिए मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना प्रारंभ की गई है. यह भी पढ़े: Dhanteras 2022: मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान नए बाजार में धनतेरस की ख़रीदारी के लिए परिवार के साथ पहुंचे- Pic
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#WATCH | Madhya Pradesh CM Shivraj Singh Chouhan along with his wife celebrates Diwali with children who lost their parents during Covid19 pandemic, in Bhopal pic.twitter.com/bdMcjtVXlz
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) October 23, 2022
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा, "राज्य के प्रथम सेवक के नाते मेरा कर्तव्य भी है कि ऐसे बच्चों के साथ त्यौहारों में शामिल रहूं, जिससे बच्चे इन त्यौहारों को प्रसन्नता से मना कर जीवन के उदास क्षणों को भुला सकें. मैं चाहता हूं कि बच्चों की मुस्कराहट बनी रहे और उनका भविष्य उज्जवल हो. राज्य सरकार इसी उद्देश्य से कार्य कर रही है.
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि ऐसे बेटा-बेटियों के लिए मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना बनाई गई है, जो इन बच्चों की उच्च शिक्षा और केरियर के लिए उपयोगी रहेगी। योजना बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ाएगी. उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए खेल और सांस्कृतिक प्रतियोगिता भी होगी। इसमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया जाएगा, जो पढ़ाई-लिखाई में अच्छा प्रदर्शन करेगा, उसे भी पुरस्कृत किया जाए.
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इन बच्चों का यदि मेडिकल या इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश होता है तो उनकी फीस भरवाने की व्यवस्था सरकार द्वारा की जाएगी। महिला एवं बाल विकास विभाग बच्चों की पूर्ण देख-रेख करेगा। जिला स्तर तक इस बारे में अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। कोई भी पात्र बच्चा योजना के लाभ से वंचित नहीं रहेगा.
मुख्यमंत्री ने बच्चों से कहा, "आप लोग अकेले नहीं हैं, हम आपके साथ हैं। कोविड में अपने माता-पिता को खो चुके बच्चों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। आपका एडमिशन किसी कॉलेज में भी होता है तो फीस की चिंता मत करना, फीस सरकार भरेगी। ठहर कर जिंदगी नहीं चल सकती. जो गुजर गया उसे भूल जाओ और आगे बढ़ने की प्रेरणा लो। हमें घबराना नहीं चाहिए। जीवन कभी ठहरता नहीं है। पार वही होता है जो सफर में चलता है। मध्यप्रदेश सरकार ऐसे बच्चों के साथ है. किसी भी पल अकेला नहीं रहने देंगे.