बिलासपुर: छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर की केंद्रीय जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे पुष्पेंद्रनाथ चौहान (40) ने धमकी भरा पत्र लिखकर ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को जान मारने की धमकी दी है और 50 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी है.
यह धमकी भरा पत्र जब ओडिशा के भुवनेश्वर स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंचा, तो हड़कंप मच गया. इस पत्र के संबध में छत्तीसगढ़ के गृह विभाग से संपर्क किया गया. मामले को गंभीरता से लेते हुए कारागार विभाग के महानिदेशक गिरधारी नायक सोमवार को बिलासपुर केंद्रीय जेल पहुंचे.
नायक ने कैदी पुष्पेंद्रनाथ चौहान से मुलाकात कर पहले उससे पूछताछ की, बाद में उसकी आपराधिक कुंडली खंगाली. चौहान के खिलाफ हत्या, लूट, डकैती जैसे अपराधों के 42 अलग-अलग मामले अदालत में विचाराधीन हैं. वह एक मामले में 7 साथ और दूसरे में 3 साल, यानी 10 साल की उम्रकैद की सजा काट रहा है. फिलहाल 40 मामले अदालत में लंबित हैं.
डीजी (जेल) नायक ने कहा कि यह पहली मर्तबा नहीं है. पुष्पेंद्र पहले भी कई लोगों को चिट्ठी लिखकर धमकी दे चुका है. इसके लिए उसे जेल मैनुअल के तहत 5 से 6 बार सजा दी जा चुकी है. उसे जब जब अदालत में पेशी के लिए लाया जाता है, वह चिट्ठी साथ लाता है और उसे बाहर भिजवा देता है. चर्चा में आने के लिए अब उसने ओडिशा के मुख्यमंत्री को धमकी भरा पत्र लिखा है.
उन्होंने कहा कि यह मामला गंभीर अपराध की श्रेणी में है, इसलिए जेल अधीक्षक एस.एस. तिग्गा को आरोपी के खिलाफ एफआईआर कराने के निर्देश दिए गए हैं.
नायक ने बताया कि धमकी भरे पत्र में आरोपी कैदी ने बिलासपुर केंद्रीय जेल का पता दिया है. इससे साफ है कि कैदी चर्चित होना चाहता है.
डीजी (जेल) ने मीडिया से कहा कि ओडिशा में पत्र मिलने से वहां की पुलिस सक्रिय हो गई है. ओडिशा पुलिस ने बिलासपुर के पुलिस अधीक्षक आरिफ शेख को भी पत्र लिखा है. पत्र मिलते ही एसपी आरिफ ने एडिशनल एसपी नीरज चंद्राकर को मामले की जांच करने के निर्देश दिए हैं.
उन्होंने बताया कि एएसपी चंद्राकर ने भी जेल पहुंचकर आरोपी चौहान घंटों पूछताछ की. कैदी चौहान के मानसिक रूप से अस्वस्थ होने की बात सामने आई है. जांजगीर-चाम्पा जिले के निवासी चौहान को 25 जुलाई, 2009 को बिलासपुर केंद्रीय जेल में बंद किया गया था.