श्रीनगर, 8 जुलाई: अमरनाथ गुफा (Amarnath Cave) के पास शुक्रवार शाम को बादल फटने से कम से कम 15 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, पांच अन्य घायल हो गए और कई यात्री लापता हैं. गुफा के पास बादल फटने (Cloudburst) की घटना शाम करीब साढ़े पांच बजे हुई. बादल फटने से आई अचानक आई बाढ़ में कम से कम तीन लंगर (सामुदायिक रसोई) और 25 यात्री तंबू बह गए. Amarnath Cloudburst Video: अमरनाथ के पास बादल फटने का वीडियो आया सामने, एक झटके में सब कुछ बहा ले गया सैलाब
बचाव दल तुरंत मौके पर पहुंचे, कुछ ने हेलीकॉप्टर सेवाओं का उपयोग किया. बचाव अभियान अभी भी जारी है और अधिकारी आपदा से हुए नुकसान या हताहतों का सही पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं.
इस बीच, कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि विभिन्न एजेंसियों द्वारा बचाव अभियान जारी है, स्थिति नियंत्रण में है और घायलों को इलाज के लिए एयरलिफ्ट किया जा रहा है.
#WATCH | Rescue operations are being carried out in cloudburst affected area at the lower Amarnath Cave site
A total of 10 Army rescue teams with Army Dogs continue rescue operations.
(Source: Northern Command, Indian Army) pic.twitter.com/NZlcu3BmdO
— ANI (@ANI) July 8, 2022
अधिकारियों ने कहा कि बादल फटने के बाद, ऊपरी इलाकों में भारी बारिश के बाद गुफा के ऊपर/किनारों के पास पानी बढ़ गया. इससे पहले शुक्रवार को महत्वपूर्ण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग भूस्खलन और कई स्थानों पर बारिश और कीचड़ के कारण अवरुद्ध हो गया था, जिससे तीर्थयात्रियों का कश्मीर घाटी में दो आधार शिविरों (बेस कैंप) तक जाना प्रभावित हुआ था.
#WATCH | J&K: Massive amount of water flowing turbulently after a cloud burst occurred in the lower reaches of Amarnath cave. Rescue operation is underway at the site pic.twitter.com/w97pPU0c6k
— ANI (@ANI) July 8, 2022
अमरनाथ गुफा के पास हुई इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, "श्री अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से व्यथित हूं. शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं. राज्यपाल मनोज सिन्हा जी से हालात का जायजा लिया है. बचाव और राहत कार्य जारी है. प्रभावितों को हर संभव मदद प्रदान की जा रही है."
कोविड महामारी के कारण पिछले दो साल तक यात्रा नहीं हो सकी थी और अब 30 जून को यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया था. तब से अभी तक एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने तीर्थयात्रा पूरी कर ली है.