यौन उत्पीड़न के आरोपों में घिरे CJI रंजन गोगोई को मिली क्लीन चिट, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की शिकायत
CJI रंजन गोगोई (Photo Credist: PTI)

नई दिल्ली. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi) के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप (Sex Harassment Case) खारिज हो गया है. सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की इन हाउस कमेटी ने इस मामले में सोमवार को कहा कि वे इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर जो आरोप लगाए गए हैं, वे निराधार हैं. उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं. बताना चाहते है कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के इन हाउस पैनल ने महिलाकर्मी की शिकायत को खारिज कर दिया. जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी के पैनल ने यह फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट (SC) ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि इन हाउस पैनल की जांच के तथ्यों को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के 2003 के नियमों के तहत सार्वजनिक नहीं किया जाएगा.

इससे पहले यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला इस मामले की सुनवाई कर रही जजों की समिति पर सवाल खड़े कर चुकी हैं. महिला ने समिति पर यौन उत्पीड़न अधिनियम के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है. महिला का आरोप था कि समिति द्वारा मुझसे बार-बार पूछा गया कि यौन उत्पीड़न की शिकायत मैंने क्यों देर से की. यह भी पढ़े-CJI रंजन गोगोई यौन उत्पीड़न केस: महिला ने पत्र लिखकर जांच पैनल पर उठाए सवाल, कहा- मेरा चरित्र हनन किया गया

दूसरी तरफ वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने कमेटी की रिपोर्ट को जनहित में सार्वजनिक करने की मांग की है. उन्होंने इसे घोटाला करार देते हुए एक ट्वीट किया है.

बता दें कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई  (CJI Ranjan Gogoi) ने अपने ऊपर लगे यौन शोषण के आरोप को खारिज कर दिया था. उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि इन आरोपों का खंडन करने के लिए मुझे इतना नीचे उतरना चाहिए'. यह भी पढ़े-CJI रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच करेगा जस्टिस एस. ए. बोबडे पैनल, 26 अप्रैल को होगी पहली सुनवाई

सीजेआई रंजन गोगोई  (CJI Ranjan Gogoi) ने कहा था कि न्यायपालिका खतरे में है. अगले हफ्ते कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई होनी है, इसलिए जानबूझकर ऐसे आरोप लगाए गए. सीजेआई ने कहा कि क्या चीफ जस्टिस के 20 सालों के कार्यकाल का यह ईनाम है? 20 सालों की सेवा के बाद मेरे खाते में सिर्फ 6,80,000 रुपये हैं. कोई भी मेरा खाता चेक कर सकता है.

गौरतलब है सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की एक पूर्व महिला कर्मचारी ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई  (CJI Ranjan Gogoi) के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. महिला कर्मचारी ने शपथ पत्र देकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के सभी जजों को आरोप लगाने वाला यह पत्र भेजा था. पूरे मामले की सुनवाई के लिए इन हाउस कमेटी का गठन किया गया था.