CJI रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच करेगा जस्टिस एस. ए. बोबडे पैनल, 26 अप्रैल को होगी पहली सुनवाई
CJI रंजन गोगोई (Photo Credist: PTI)

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi) के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों की आंतरिक जांच के लिए मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस. ए. बोबडे (Justice S. A. Bobde) को नियुक्त किया गया. संपर्क किए जाने पर न्यायमूर्ति बोबडे ने इस घटनाक्रम की पुष्टि की. वरिष्ठता क्रम के मुताबिक, वह सीजेआई के बाद वरिष्ठतम न्यायाधीश हैं. उन्होंने बताया कि नंबर 2 जज होने के नाते प्रधान न्यायाधीश ने उन्हें शीर्ष न्यायालय की एक पूर्व महिला कर्मचारी द्वारा उनके (सीजेआई के) खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरापों की जांच के लिए नियुक्त किया है.

न्यायमूर्ति बोबडे ने बताया कि उन्होंने शीर्ष न्यायालय के दो न्यायाधीशों- न्यायमूर्ति एन. वी. रमन और न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी को शामिल कर एक समिति गठित की हैॉ. न्यायमूर्ति बोबडे ने कहा कि मैंने समिति में न्यायमूर्ति रमन को शामिल करने का फैसला किया है क्योंकि वह वरिष्ठता में मेरे बाद हैं और न्यायमूर्ति बनर्जी को इसलिये शामिल किया गया है क्योंकि वह महिला न्यायाधीश हैं. यह भी पढ़ें- CJI रंजन गोगोई ने खुद पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों से किया इनकार, कहा- खतरे में न्यायपालिका की स्वतंत्रता

उन्होंने कहा कि उन्होंने उस महिला को पहले ही नोटिस जारी कर दिया है जिसने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाते हुए न्यायाधीशों को पत्र लिखे थे. इस मामले पर पहली सुनवाई शुक्रवार (26 अप्रैल) को होगी और सुप्रीम कोर्ट के महासचिव को भी सभी दस्तावेजों तथा सामग्री के साथ तैयार रहने के लिए कहा गया है.

बता दें कि सीजेआई रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगने के बाद उन्होंने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अप्रत्याशित सुनवाई की. सीजेआई गोगोई ने कहा कि शीर्ष अदालत की पूर्व महिला कर्मचारी के आरोप ‘‘अविश्वसनीय’’ हैं और यह सीजेआई कार्यालय को ‘‘निष्क्रिय’’ करने के लिए कुछ ‘‘बड़ी ताकतों’’ द्वारा रची गई साजिश का हिस्सा है.

भाषा इनपुट