चीफ जस्टिस रंजन गोगोई (Ranjan Gogoi) पर एक महिला ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. रिपोर्ट्स के अनुसार यह महिला जूनियर कोर्ट असिस्टेंट के तौर पर काम करती थी. महिला ने आरोप लगाया है कि चीफ जस्टिस ने पिछले साल अक्टूबर सीजेआई ने उसका फायदा उठाने की कोशिश की. महिला ने शुक्रवार को अदालत के 22 न्यायाधीशों को पत्र लिखा कि भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने 10 और 11 अक्टूबर, 2018 को उनके निवास कार्यालय पर उसके साथ यौन संबंध बनाए थे.
महिला द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों पर चीफ जस्टिस ने शनिवार को अपना पक्ष रखा. अपने ऊपर लगे यौन शोषण के आरोप को खारिज करते हुए कहा, 'मैं इन आरोपों का जवाब नहीं देना चाहता हूं'. सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि न्यायपालिका खतरे में है. उन्होंने कहा न्यायपालिका को अस्थिर करने के लिए एक "बड़ी साजिश" है. सीजेआई ने कहा यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने वाली महिला के पीछे कुछ बड़ी ताकत है.
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CJI on sexual harassment allegations against him says independence of judiciary is under very very serious threat and there is a “larger conspiracy” to destabilise the judiciary. He says there is some bigger force behind the woman who made sexual harassment charges. https://t.co/tc05vQcBZK
— ANI (@ANI) April 20, 2019
Chief Justice of India says, "Independence of judiciary is under serious threat, very hurt with the allegations being levelled. 4 media houses have published stories in great detail. I received communication from them."
— ANI (@ANI) April 20, 2019
न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार सीजेआई की अगुवाई वाली पीठ ने आरोपों पर कोई आदेश पारित नहीं किया और मीडिया से न्यायपालिका की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए संयम दिखाने को कहा. सीजेआई का कहना है कि आरोप बेबुनियाद हैं. अगले हफ्ते कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई होनी है, इसीलिये जानबूझकर ऐसे आरोप लगाए गए. सीजेआई ने कहा कि क्या चीफ जस्टिस के 20 सालों के कार्यकाल का यह ईनाम है? 20 सालों की सेवा के बाद मेरे खाते में सिर्फ 6,80,000 रुपये हैं. कोई भी मेरा खाता चेक कर सकता है. यहां तक कि मेरे चपरासी के पास भी मुझसे ज्यादा पैसे हैं.