पटना, 28 दिसंबर : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) अगले साल की शुरूआत यानी पांच जनवरी से फिर से राज्य की यात्रा पर निकलेंगे. इसके लिए सभी तैयारियां करीब-करीब पूरी कर ली गई हैं. नीतीश अन्य पुरानी यात्राओं की तरह इस यात्रा की शुरूआत भी चंपारण यानी बेतिया से करेंगे. वैसे, मुख्यमंत्री की इस प्रस्तावित यात्रा को लेकर विपक्ष भले निशाना साध रहा हो लेकिन माना जा रहा है कि नीतीश इस यात्रा के जरिए न केवल शराबबंदी को लेकर लोगों का मन टटोलेंगे बल्कि महागठबंधन में जाने को लेकर भी लोगों के विचारों को समझेंगे. ऐसा नहीं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कोई पहली बार किसी यात्रा पर निकले हों. इससे पहले भी वे सत्ता में रहने और नहीं रहने के दौरान भी विभिन्न नामों के जरिए एक दर्जन से ज्यादा यात्रा कर चुके हैं, जिसका उन्हें राजनीति में भी लाभ हुआ है.
नीतीश कुमार 2005 में जहां न्याय यात्रा की थी वहीं 2009 में विकास यात्रा कर राज्य में चल रही विकास योजनाओं की जमीनी हालत जानने के लिए पूरे राज्य का दौरा किया था. इसके बाद उन्होंने धन्यवाद यात्रा, प्रवास यात्रा और विश्वास यात्रा के जरिए राज्य के लोगों से मुलाकत की तो 2012 में अधिकार यात्रा, 2014 में संकल्प यात्रा व संपर्क यात्रा कर लोगों को समझाा और परखा था. इसके बाद नीतीश ने निश्चय यात्रा और समीक्षा यात्रा की. वर्ष 2021 में मुख्यमंत्री समाज सुधार यात्रा की थी, जिसमें लोगों को समाज की कुरीतियों के विषय में बात की थी. मुख्यमंत्री की पांच जनवरी से प्रस्तावित यात्रा का अभी कोई नाम तो नहीं दिया गया है लेकिन कहा जा रहा है इस दौरान वे सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों की समीक्षा करेंगे तथा लोगों से संवाद करेंगे. यह भी पढ़ें : PM Modi Visits Ailing Mother Video: मां का हाल जानने अहमदाबाद के अस्पताल पहुंचे PM मोदी
जदयू के महागठबंधन में शामिल होने के बाद सरकार से अलग हुई भाजपा ने इसे जनादेश का अपमान और नीतीश के कुर्सी प्रेम के रूप में प्रचारित किया है. महागठबंधन में साथ जाने के बाद तीन विधानसभा क्षेत्रों में हुए उपचुनावों के परिणाम से भाजपा उत्साहित है जबकि जदयू को आशातीत सफलता नहीं मिली है. ऐसे में माना जा रहा है नीतीश इस यात्रा के जरिए लोगों का नब्ज टटोलेंगे और अगामी होने वाले चुनावों को लेकर रणनीति बनाएंगें.
जदयू के एक नेता ने नाम नहीं प्राकशित करने के शर्त पर कहा कि शराबबंदी कानून को लेकर भी नीतीश लोगों के विचारों को जानना चाह रहे हैं. देखा जाए तो राज्य में शराबबंदी कानून लागू करने में सभी दलों का समर्थन था, लेकिन हाल ही में राज्य में जहरीली शराब पीने से हुई मौत का ठीकरा विपक्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ही सिर फोड़ रहा है. ऐसे में नीतीश इस यात्रा के जरिए शराबबंदी की असफलता और सफलताा को लेकर भी समीक्षा करेंगे.
इस मुद्दे पर दबाव झेल रहे नीतीश कुमार सीधे-सीधे जनता के बीच शराबबंदी पर जनमत की मन:स्थिति परखेंगे और इस कानून को लेकर लोगों का फीडबैक लेंगे. वैसे, मुख्यमंत्री विभिन्न सार्वजनिक मंचों से किसी भी स्थिति में शराबबंदी कानून के वापस नहीं लेने की सार्वजनिक घोषणा करते रहे हैं. ऐसे में कहा जा रहा है कि नीतीश इस यात्रा के जरिए शराबबंदी कानून को सफल बनाने के लिए जोरदार तरीके से लोगों से अपील करेंगे.
इधर, जदयू के प्रवक्ता अभिषेक झा कहते हैं कि नीतीश कुमार को बिहार की जनता काफी पसंद करती है. यात्रा के जरिए मुख्यमंत्री लोगों की समस्या जानेंगे और उसके समाधान की कोशिश करेंगे. उन्होंने भाजपा की आलोचना पर कहा कि सत्ता से हटने के बाद वे लोग परेशान हो गए हैं. विधान परिषद में विपक्ष के नेता सम्राट चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार यात्रा के दौरान पहुंचेंगे वहीं एक सप्ताह के अंदर भाजपा के नेता पहुंचेंगे और मुख्यमंत्री की पोल खोलेंगे और उनकी हकीकत बताएंगें.