छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां हाई कोर्ट ने हिंदू विवाह अधिनियम 1955 के तहत तलाक की अनुमति दे दी है, क्योंकि पत्नी अपने पति से करीब 10 साल तक दूर रही. रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुभ मुहूर्त का इंतजार कर रही महिला पीछे 10 साल से अपने ससुराल नहीं गई है. अदालत ने पति से इतनी लंबी अवधि तक दूर रहने के मामले को परित्याग (abandonment) का मामला माना है और इसे अपने फैसले में एक मजबूत आधार माना है. यह भी पढ़ें: Punjab: पहली पत्नी को तलाक दिए बिना चोरी से दूसरी शादी कर रहा था युवक, विदाई के समय मचा हंगामा, केस दर्ज
कथित तौर पर, याचिकाकर्ता संतोष सिंह ने पहले फैमिली कोर्ट में तलाक के लिए एक याचिका दायर की थी, जिसने परित्याग के आधार पर तलाक के लिए उनकी याचिका को खारिज कर दिया था. बाद में उन्होंने फैमिली कोर्ट के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी. याचिका के मुताबिक, इस जोड़े ने जुलाई 2010 में शादी की. यह जोड़ा केवल 11 दिनों तक साथ रहा जिसके बाद महिला के परिवार वाले आए और उसे यह कहकर ले गए कि उन्हें कोई जरूरी काम है. इसके बाद पति ने दो बार उसे वापस लाने की कोशिश की लेकिन महिला ने यह कहते हुए आने से इनकार कर दिया कि यह शुभ समय नहीं है, टाइम्स ऑफ इंडिया ने बताया.
याचिका के जवाब में महिला ने कहा कि जब शुभ मुहूर्त शुरू हुआ तो वह वापस आने को तैयार थी, संतोष सिंह फिर उसे वापस लेने नहीं आया. महिला ने कहा, "मैंने संतोष को नहीं छोड़ा, लेकिन वह प्रचलित रिवाज के अनुसार मुझे वापस ले जाने में विफल रहा." यह भी पढ़ें: UP: बाराबंकी में पानी गर्म करने को लेकर पत्नी के साथ हुआ झगड़ा, शादी के 16 साल बाद पति ने दिया तलाक; केस दर्ज
सिंह के वकील ने कहा कि महिला जानती थी कि वैवाहिक अधिकारों की बहाली के लिए डिक्री पारित हो चुकी है, लेकिन उसने अभी भी अपने पति के साथ वैवाहिक जीवन में प्रवेश नहीं किया है. इस पर महिला के वकील ने प्रतिवाद किया कि दोनों पक्षों के बीच प्रचलित प्रथा यह थी कि 'दुवीरागमन' के समारोह के दौरान, संतोष को अपनी पत्नी को वापस लेने के लिए आना पड़ता है, लेकिन वह उस अवधि के दौरान आया था जो शुभ नहीं था, जिसके बाद उसे शुभ मुहूर्त में वापस आने को कहा.