नई दिल्ली: चंद्रयान -3 अंतरिक्ष यान ने एक और मील का पत्थर सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने गुरुवार को सफल परिक्षण की घोषणा की. इसरो ने कहा कि उसने चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) 'चंद्रमा अंतरिक्ष यान' की जांच के लिए परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. प्रक्षेपण के दौरान अंतरिक्ष यान को आने वाले कठोर कंपन और ध्वनिक वातावरण का सामना करना पड़ा. Gaganyaan: फिर इतिहास रचने को तैयार ISRO, 2024 के अंत में लॉन्च होगा गगनयान का मानव मिशन.
इसरो ने बताया कि ये परीक्षण मार्च 2023 के पहले सप्ताह के दौरान बेंगलुरु के यूआर राव सैटेलाइट सेंटर में स्थित टेस्टिंग सुविधाओं में किए गए थे. इन परीक्षणों के साथ चंद्रयान अपने लॉन्च के और करीब पहुंच गया है. हालांकि भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी (इसरो) ने लॉन्च की तारीखों के बारे में अभी कुछ नहीं कहा है, लेकिन इसके 2023 की दूसरी या तीसरी तिमाही में होने की संभावना है.
जुलाई-अगस्त में लॉन्च होगा Chandrayaan-3?
Chandrayaan-3 successfully undergoes Integrated Module Dynamic Tests. All set for July-August launch ? @isro pic.twitter.com/RDwlT3Xe2D
— Indian Tech & Infra (@IndianTechGuide) March 17, 2023
इसरो ने कहा कि उसने चंद्रमा पर सुगमता से यान उतारने की तकनीक में नया मुकाम हासिल किया है. ISRO ने कहा कि ये परीक्षण किसी भी अंतरिक्ष यान के लिए योग्यता और स्वीकृति प्रक्रिया का एक अनिवार्य हिस्सा हैं. ये परीक्षण विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण थे, इस तथ्य पर विचार करते हुए कि चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान तीन मॉड्यूलों का एक संयोजन हैं, जिसमें प्रणोदन मॉड्यूल, लैंडर मॉड्यूल और रोवर मॉड्यूल शामिल है.
इसरो ने कहा कि एकीकृत अंतरिक्ष यान पर किए गए कंपन और ध्वनिक परीक्षणों ने लॉन्च पर्यावरण में संरचनात्मक अखंडता और उत्तरजीविता पर पर्याप्त विश्वास प्रदान किया है.