Chandrayaan-2 Live Streaming: इस ऐतिहासिक पल को ना करें मिस, यहां ऑनलाइन देखें भारत के दूसरे मून मिशन ‘चंद्रयान-2’ का लाइव टेलीकास्ट
चंद्रयान-2 (Photo Credits: IANS)

Chandrayaan 2 Live Streaming On Doordarshan And ISRO YouTube Channels: हर भारतीय के लिए आज बहुत बड़ा दिन है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) देश के दूसरे ‘मून मिशन’ चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) के प्रक्षेपण की सभी तैयारियां पूरी कर चुका है. आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से दोपहर 2 बजकर 43 मिनट पर चंद्रयान-2 को प्रक्षेपण किया जाएगा और इसी के साथ भारत अंतरिक्ष में एक और इतिहास लिख देगा.

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन-इसरो के वैज्ञानिकों ने बताया है कि प्रक्षेपण का पूर्वाभ्यास एक दम सही रहा. प्रक्षेपण सबसे शक्तिशाली रॉकेट जीएसएलवी-मार्क III-एम1 के जरिए होगा. चन्‍द्रयान-2 प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अगली छलांग है. जिसमें हमारा लैंडर चन्‍द्रमा के दक्षिणी ध्रूव पर सॉफ्ट लैंडिंग यानी सहज रूप से आराम से उतरेगा. यह प्रक्रिया बहुत ही जटील है और 15 मिनट का यह समय रोमांच से भरा होगा.

इससे पहले चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण 15 जुलाई को किया जाना था, लेकिन निर्धारित समय से लगभग एक घंटे पहले तकनीकी खराबी का पता चलने के कारण इसे रोक दिया गया था. इस अभियान पर 978 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं.

यहां देखें दूरदर्शन पर लाइव स्ट्रीमिंग:

इसरो के अनुसार ‘चंद्रयान-2’ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरेगा, जहां वह इसके अनछुए पहलुओं को जानने का प्रयास करेगा. इससे 11 साल पहले इसरो ने अपने पहले सफल चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-1’ का प्रक्षेपण किया था जिसने चंद्रमा के 3,400 से अधिक चक्कर लगाए और यह 29 अगस्त, 2009 तक 312 दिन तक काम करता रहा.

इसरो ने इस मिशन के प्रक्षेपण की नई तिथि की घोषणा करते हुए 18 जुलाई को ट्वीट किया था, ‘‘ ‘बाहुबली’ कहा जाने वाला जीएसएलवी मार्क-।।। रॉकेट अब अरबों लोगों के सपने को ‘चंद्रयान-2’ के रूप में चंद्रमा पर ले जाने के लिए तैयार है. यह अपने साथ एक ऑर्बिटर, एक लैंडर और एक रोवर ले जाएगा और चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा.’’

गौरतलब हो कि चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण देखने के लिए 7,500 लोगों ने इसरो में ऑनलाइन पंजीकरण कराया है. इसरो ने हाल ही में आम जनता को भी प्रक्षेपण देखने की अनुमति दे दी है. इसके लिए एक गैलरी बनाई गई है. गैलरी की क्षमता हालांकि करीब 10,000 लोगों की है, इसरो की योजना यह संख्या धीरे-धीरे बढ़ाने की है. अपने पीछे नारंगी आग उगलते हुए रॉकेट को आसमान की ओर बढ़ते देखना एक अद्भुत अनुभव होगा.