Chandrayaan-2: भारत के दूसरे महत्वाकांक्षी चंद्र मिशन चंद्रयान-2 का काउंटडाउन जारी है. रॉकेट में क्रायोजेनिक स्टेज पर लिक्विड ऑक्सिजन भरने का काम शुरू हो चुका है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) चंद्रयान-2 आज तड़के 2.51 बजे लॉन्च होगा. चंद्रयान-2 को श्रीहरिकोटा (Sriharikota) के सतीश धवन स्पेस सेंटर (SDSC) से 'बाहुबली' (Bahubali) नाम के सबसे ताकतवर रॉकेट GSLV-Mk III यान से भेजा जाएगा. दुनिया के सामने अपना लोहा मनवाने और अंतरिक्ष में लंबी छलांग लगाने के मकसद से ‘चंद्रयान-2’ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरेगा जहां अभी तक कोई देश नहीं पहुंच पाया है. इससे चांद के बारे में समझ सुधारने में मदद मिलेगी जिससे ऐसी नई खोज होंगी जिनका भारत (India) और पूरी मानवता को लाभ मिलेगा.
तीन चरणों का 3,850 किलोग्राम वजनी यह अंतरिक्ष यान ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर के साथ श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से सुबह दो बजकर 51 मिनट पर आकाश की ओर उड़ान भरेगा. पहले चंद्र मिशन की सफलता के 11 साल बाद इसरो भू-समकालिक प्रक्षेपण यान GSLV-Mk III से 978 करोड़ रुपये की लागत से बने ‘चंद्रयान-2’ का प्रक्षेपण करेगा. इसे चांद तक पहुंचने में 54 दिन लगेंगे. इसरो का सबसे जटिल और अब तक का सबसे प्रतिष्ठित मिशन माने जाने वाले ‘चंद्रयान-2’ के साथ भारत, रूस, अमेरिका और चीन के बाद चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने वाला चौथा देश बन जाएगा.
यहां देख पाएंगे चंद्रयान-2 की लाइव स्ट्रीमिंग- इसरो ने एक ट्वीट के जरिए बताया है कि चंद्रयान-2 की लाइव स्ट्रीमिंग वह अपने फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब चैनल पर होस्ट करेगा. इसके साथ ही www.isro.gov.in पर भी चंद्रयान-2 की लाइव स्ट्रीमिंग को देखा जा सकता है. यह भी पढ़ें- Chandrayaan-2 मिशन में इन दो महिलाओं ने निभाई है अहम भूमिका, जानें किस तरह विज्ञान के क्षेत्र में इन दोनों ने मनवाया अपना लोहा
देखें वीडियो-
#WATCH: Behind-the-scenes footage of the #Chandrayaan2 mission's various components coming together. (Video courtesy: ISRO) pic.twitter.com/55IFKx62Nb
— ANI (@ANI) July 14, 2019
बता दें कि स्वदेशी तकनीक से निर्मित चंद्रयान-2 में कुल 13 पेलोड हैं. आठ ऑर्बिटर में, तीन पेलोड लैंडर ‘विक्रम’ और दो पेलोड रोवर ‘प्रज्ञान’ में हैं. पांच पेलोड भारत के, तीन यूरोप, दो अमेरिका और एक बुल्गारिया के हैं. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद श्रीहरिकोटा में प्रक्षेपण होते हुए देखेंगे. प्रक्षेपण के करीब 16 मिनट बाद GSLV-Mk III चंद्रयान-2 को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करेगा. लैंडर ‘विक्रम’ का नाम भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रम के जनक डॉ. विक्रम ए साराभाई के नाम पर रखा गया है. दूसरी ओर, 27 किलोग्राम ‘प्रज्ञान’ का मतलब संस्कृत में ‘बुद्धिमता’ है.
भाषा इनपुट