Delhi Pollution: खांसी, आंखो में जलन, गले में इंफेक्शन... प्रदूषण से बेहाल दिल्ली वासी
Representational Image | PTI

नयी दिल्ली, दो नवंबर: दिल्ली में एक ओर कई हिस्सों में वायु गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गई है वहीं, शहर के अस्पतालों में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ गई है जो खांसी, गले में संक्रमण, आंखों में जलन और नाक बहने आदि से परेशान हैं. चिकित्सकों ने बताया कि यहां प्रदूषण के कारण कई रोगियों में मौजूदा ‘ब्रोन्कियल अस्थमा’ की स्थिति भी खराब हो गई है. उन्होंने कहा कि बढ़ते प्रदूषण का सभी आयु के लोगों पर प्रभाव पड़ रहा है. यह भी पढ़ें: Delhi Pollution: दिल्ली में पांचवीं तक सभी स्कूल बंद, निर्माण गतिविधियों पर भी प्रतिबंध; बढ़ते प्रदूषण के बीच केजरीवाल सरकार ने किए ये बदलाव

सरकारी एवं निजी दोनों अस्पतालों के चिकित्सा विशेषज्ञों ने लोगों को सुबह-सुबह व्यायाम करने या टहलने के लिए बाहर नहीं निकलने की चेतावनी दी और उन्हें बाहर निकलते समय मास्क पहनने के लिए कहा. दिल्ली के कई हिस्सों में बृहस्पतिवार को हवा की गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में दर्ज की गई। शहर में तीन दिन से धुंध छाई हुई है.

खेतों में पराली जलाने की घटनाओं और प्रतिकूल मौसम की स्थिति के बीच वैज्ञानिकों ने अगले दो हफ्तों में दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी की चेतावनी दी है. दिल्ली के लिए वैज्ञानिकों की चेतावनी चिंताजनक है क्योंकि कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक पहले ही 400 से अधिक हो चुका है.

दिल्ली के अपोलो अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर सुरनजीत चटर्जी ने कहा, "दिल्ली में लंबे समय से प्रदूषण से उत्पन्न स्वास्थ्य जटिलताओं के मामले पहले से ही बढ़ रहे हैं और अब लंबे समय से खांसी, गले में संक्रमण, आंखों में जलन, नाक बहने और अन्य तरह की जलन के मरीज सामने आ रहे हैं.’’

उन्होंने कहा कि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए सरकारी स्तर पर कदम उठाने की आवश्यकता है और व्यक्तिगत तौर पर हम केवल सावधानी बरतने के अलावा ज्यादा कुछ नहीं कर सकते.

दिल्ली में लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के निदेशक डॉ. सुभाष गिरी ने कहा, "पिछले एक सप्ताह के दौरान हमने मौजूदा स्थितियों में बढ़ोतरी के साथ ओपीडी और आपातकालीन खंड में आने वाले मरीजों की संख्या में वृद्धि देखी है. अस्पताल में युवा मरीज ‘ब्रोन्कियल अस्थमा’ की बिगड़ती स्थिति और बुजुर्ग मरीज ‘सीओपीडी’ के लक्षणों के साथ आ रहे हैं.''

उन्होंने कहा कि अगर अस्पताल आने वाले ऐसे मरीजों की संख्या में और वृद्धि होती है तो ऐसे मरीजों के लिए अलग ओपीडी शुरू करने की योजना बनाई जा रही है.

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)