CAA Protest: नागरिकता कानून का विरोध कर रहे मुख्यमंत्रियों के खिलाफ लखनऊ हाईकोर्ट में दायर हुई याचिका, राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग
नागरिकता कानून को लेकर देश में विरोध शुरू है. इसे लेकर विपक्षी नेताओं की तरफ से बयानबाजी भी जारी है. वही दूसरी तरफ गृहमंत्री अमित शाह ने साफ कर दिया है कि जितना चाहे विरोध हो, इस कानून को वापस नहीं लिया जाएगा। इसी बीच लखनऊ हाईकोर्ट में नागरिकता संशोधित कानून का विरोध कर रहे देश के अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों के खिलाफ याचिका दायर की गई है. इस याचिका में मांग की गई है कि जिन राज्यों के सीएम सीएए का विरोध कर रहे हैं, वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाए.
नई दिल्ली. नागरिकता कानून (Citizenship Amendment Act) को लेकर देश में विरोध शुरू है. इसे लेकर विपक्षी नेताओं की तरफ से बयानबाजी भी जारी है. वही दूसरी तरफ गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने साफ कर दिया है कि जितना चाहे विरोध हो, इस कानून को वापस नहीं लिया जाएगा. इसी बीच लखनऊ हाईकोर्ट में नागरिकता संशोधित कानून का विरोध कर रहे देश के अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों के खिलाफ याचिका दायर की गई है. इस याचिका में मांग की गई है कि जिन राज्यों के सीएम सीएए का विरोध कर रहे हैं, वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाए.
बता दें कि केरल, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्रियों नागरिकता कानून का लगातार विरोध कर रहे हैं. वही केरल सरकार ने 31 दिसंबर और पंजाब सरकार ने 17 जनवरी को नागरिकता कानून के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया है. यह भी पढ़े-CAA Protest: शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से मिलने पहुंचे भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद, कहा- ये संविधान बचाने की लड़ाई है
ANI का ट्वीट-
ज्ञात हो कि नागरिकता कानून के तहत छह अल्पसंख्यक समुदायों- हिंदुओं, पारसियों, सिखों, बौद्धों, जैनियों और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता प्रदान करना है- जिन्हें अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान में धार्मिक रूप से प्रताड़ित है. जो लोग 31 दिसंबर, 2014 को या इससे पहले भारत आए हुए हैं.