नई दिल्ली. नागरिकता कानून को लेकर देश में विरोध शुरू है. पूर्वोत्तर से शुरू हुआ विवाद बंगाल होते हुए भारत के अन्य राज्यों में पहुंच चुका है. दूसरी तरफ एक विदेशी महिला द्वारा सीएए के विरोध प्रदर्शन में शामिल होने का मामला अब तूल पकड़ने लगा है. बताना चाहते है कि कोच्चि में में नॉर्वे (Norway) की महिला टूरिस्ट पर नागरिकता कानून (Citizenship Amendment Act) के विरोध में हुए प्रदर्शन में शामिल होने का आरोप लगा है. नॉर्वे की महिला का मामला ऐसे समय में सामने आया है जब इसी तरह के प्रदर्शन में चेन्नई में हिस्सा लेने पर जर्मनी के एक छात्र को देश छोड़कर जाने के लिए कहा गया था क्योंकि विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेना वीजा नियमों का उल्लंघन माना जाता है. नॉर्वे की महिला जेन मेट जॉनसन ने 23 दिसंबर को सीएए के खिलाफ कथित तौर पर विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया था.
बता दें कि टूरिस्ट वीजा पर भारत आई नॉर्वे की एक महिला द्वारा नागरिकता कानून के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन में कथित तौर पर हिस्सा लेने के बाद वह आव्रजन ब्यूरो के जांच के दायरे में आ गई है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आने वाले फॉरनर्स रिजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस (एफआरआरओ) सोशल मीडिया के जरिए इस मामले की जानकारी मिलने के बाद जांच कर रही है. यह भी पढ़े-CAA Protest: मोदी सरकार पर बरसी सोनिया गांधी, बोली ’जनता की आवाज सुनना आपकी जिम्मेदारी’
जेन मेट जॉनसन ने किया था ये फेसबुक पोस्ट-
इस पुरे मामले पर एफआरआरओ की तरफ से बयान जारी कर कहा गया है कि हम लोग इसकी जांच कर रहे हैं कि विदेशी महिला ने वीजा नियम का उल्लंघन किया है या नहीं. उल्लेखनीय है कि चेन्नई में नागरिकता कानून और एनआरसी के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान जैकब लिंडेनथल ने अपने हाथ में एक पोस्टर लिया हुआ था. जिसमें लिखा था कि 1933 से 1945 तक हमारे साथ यह हो चुका है, जो जर्मनी में नाजी शासन की ओर संकेत करता है.
(भाषा इनपुट के साथ)