Budget 2025: हर महीने 1 लाख रुपये की कमाई भी की तो अब नहीं देना होगा टैक्स

नई दिल्ली, 1 फरवरी : निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स पेयर्स को बड़ी राहत दी है. हर महीने 1 लाख रुपये कमाने वाले को भी टैक्स नहीं चुकाना होगा. 12.75 लाख रुपए तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. वहीं अब पिछले 4 साल का आईटी रिटर्न एक साथ फाइल कर सकेंगे. वरिष्ठ नागरिकों के लिए टीडीसी की सीमा 50 हजार से बढ़ाकर अब 1 लाख कर दी गई है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि अब 12 लाख की सालाना कमाई पर कोई भी टैक्‍स देने की आवश्‍यकता नहीं है. यह बदलाव न्‍यू टैक्‍स व्‍यवस्‍था के तहत किया गया है. इससे पहले 7 लाख की कमाई पर कोई टैक्‍स नहीं देना होता था. स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन को 75,000 रुपये ही रखा गया है. इसके साथ ही नए इनकम टैक्स बिल का ऐलान भी केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया. उन्होंने कहा न्यू इनकम टैक्स बिल अगले हफ्ते लाया जाएगा. यह भी पढ़ें : Budget 2025: वित्त मंत्री ने इनकम टैक्स छूट को 12 लाख रुपये तक बढ़ाया, होगी 1.10 लाख रुपये तक की बचत

उन्होंने कहा कि इंश्योरेंस सेक्टर के लिए एफडीआई की सीमा बढ़ाने जा रहे हैं. सरकार ने 7 टैरिफ रेट को हटाने का फैसला किया है. 8 टैरिफ रेट ही रह जाएंगे. सोशल वेलफेयर सरचार्ज हटाने का प्रस्ताव दिया गया है. सरकार अगले हफ्ते नया इनकम टैक्स बिल लाने जा रही है, जिससे टैक्स सिस्टम को और आसान और पारदर्शी बनाया जाएगा.

इसके साथ ही कैंसर मरीजों के लिए भी बड़ा ऐलान किया गया. निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया कि 36 जीवन रक्षक दवाओं पर पूरी तरह से ड्यूटी टैक्स खत्म कर दिया जाएगा. सभी सरकारी अस्पतालों में कैंसर डे केयर सेंटर बनाए जाएंगे. कैंसर के इलाज की दवाएं सस्ती होंगी. 6 जीवन रक्षक दवाओं पर कस्टम ड्यूटी 5% कर दी जाएगी. बजट भाषण की शुरुआत करते हुए केंद्रीय मंत्री ने 'ज्ञान' से की. उन्होंने कहा कि हमारा फोकस 'जीवाईएएन' पर यानि गरीब, यूथ, अन्नदाता और नारी पर होगा. 10 साल में हमने बहुमुखी विकास किया है और आगे भी हम इसे जारी रखेंगे.

उन्होंने कहा, यह बजट सरकार की विकास को बढ़ाने, सभी के डेवलपमेंट, मिडिल क्लास की क्षमता को बढ़ाने के लिए समर्पित है. हमने इस सदी के 25 साल पूरा करने जा रहे हैं. हमारी विकसित भारत की उम्मीदों ने हमें प्रेरणा दी है.हमारी अर्थव्यवस्था सभी बड़ी इकोनमी में सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है.'