Budget 2024: अंतरिम बजट में रेलवे के लिए क्या है खास? वंदे भारत पर वित्त मंत्री ने किया ये ऐलान
Rail Budget 2024 | PTI

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को संसद में अंतरिम बजट पेश किया. चुनावी साल में अंतरिम बजट पेश किया जाता है क्‍योंकि चुनाव के बाद नवगठित सरकार पूर्ण बजट पेश करती है. इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रेलवे के लिए भी कई अहम घोषणाएं की. सरकार द्वारा बजट में रेल यात्रियों को बड़ा तोहफा दिया गया है. वित्त मंत्री द्वारा ऐलान किया गया है कि देश में 40 हजार रेलगाड़ी डिब्बों को वंदे भारत में बदला जाएगा. वित्त मंत्री में अपने बजट भाषण में कहा रेल यात्रियों की सुविधा के लिए 40 हजार रेलगाड़ी डिब्बों को वंदे भारत की तर्ज पर बदला जाएगा. आर्थिक गलियारा बनाने से ट्रेनों के परिचालन में सुधार भी आएगा.

भारतीय रेलवे का कायाकल्प कर रही मोदी सरकार

पिछले पांच सालों में रेलवे बजट का आवंटन काफी बढ़ गया. जिसमें साढ़े चार गुना की वृद्धि दर्ज हुई. इसके पहले रेलवे को सरकार ने 2.4 लाख करोड़ रुपये आवंटित किये थे. इंडियन रेलवे तेजी से नई लाइनों का जाल बिछा रहा है. जहां अबतक रेलवे नहीं पहुंच पाया है वहां भी रेलवे लाइनें बिछाई जा रही हैं. इंडियन रेलवे की ओर से यात्रियों की सुविधाओं को देखते हुए नई-नई ट्रेनें चलाई जा रही हैं.

कहां-कहां इस्तेमाल होता है रेल बजट

  • रेल बजट में निम्नलिखित मदों पर खर्च किया जाता है:
  • ट्रेनों के संचालन और रखरखाव पर
  • नई ट्रेनों, नई रेलवे लाइनों और स्टेशनों के निर्माण पर
  • रेलवे के विद्युतीकरण और स्वचालन पर
  • रेलवे के सुरक्षा उपकरणों के आधुनिकीकरण पर
  • रेलवे के कर्मचारियों के वेतन और भत्तों पर

रेल बजट भारतीय रेलवे के विकास और विस्तार के लिए दिया जाता है. यह बजट रेलवे के बुनियादी ढांचे, सुरक्षा और सेवाओं में सुधार के लिए आवंटित किया जाता है. इस बजट से भारतीय रेलवे को अपने बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और यात्रियों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने में मदद मिलती है. पिछले कई सालों में भारतीय रेलवे ने तेजी से प्रगति की है.

पिछले सालों के रेलवे बजट के आंकड़े

वित्त वर्ष 2023 में रेलवे बजट 2.4 लाख करोड़ रुपये था. 2022 में रेल मंत्रालय को 1,40,367.13 करोड़ रुपये आवंटित किये थे. साल 2021 में पहली बार रेलवे बजट एक लाख करोड़ से ज्यादा आवंटित किए गए. इसके पहले 2020 में 70,250 करोड़ रुपये और 2019 में 69,967 करोड़ रुपये दिए गए.