नई दिल्ली, 14 जून : 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के दौरान जो छात्राएं मासिक धर्म से गुजरती हैं, उनके स्वास्थ्य, गरिमा और शैक्षणिक सफलता को सुनिश्चित किया जाएगा. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, 10वीं और 12वीं कक्षा के बोर्ड परीक्षा केंद्रों पर मुफ्त सेनेटरी पैड उपलब्ध होंगे. रेस्टरूम की व्यवस्था होगी. शिक्षकों और कर्मचारियों के बीच मासिक धर्म स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाई जाएगी.
गुरुवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इस संदर्भ में राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों के सभी स्कूलों, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई), केंद्रीय विद्यालय संगठन और नवोदय विद्यालय समिति को एक परामर्श जारी किया है. शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाले विद्यालय शिक्षा और साक्षरता विभाग ने बोर्ड परीक्षाओं के दौरान स्कूलों के लिए मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन के लिए इन अग्रसक्रिय उपायों की घोषणा की है. यह भी पढ़ें : RSS Attacks BJP: क्या बीजेपी-आरएसएस में सबकुछ ठीक नहीं है? संघ के नेता इंद्रेश कुमार ने बिना नाम लिए भाजपा को बताया अहंकारी, कहा- प्रभु राम ने 241 पर रोक दिया- VIDEO
इसका उद्देश्य यह है कि 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं के दौरान महिला छात्रों के स्वास्थ्य, गरिमा और शैक्षणिक सफलता को सुनिश्चित किया जा सके. परीक्षाओं के दौरान लड़कियों के सामने आने वाली चुनौतियों को समझते हुए यह परामर्श जारी किया गया है. सरकार का मानना यह है कि छात्राओं के शैक्षणिक प्रदर्शन के रास्ते में आड़े नहीं आना चाहिए. इसलिए विद्यालय शिक्षा और साक्षरता विभाग 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं के दौरान छात्राओं का समर्थन करने के लिए स्कूलों में मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन को प्राथमिकता दे रहा है.
इसके अंतर्गत सभी 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा केंद्रों पर मुफ्त सेनेटरी पैड आसानी से उपलब्ध होंगे. इसका उद्देश्य सुनिश्चित करना है कि आवश्यकता पड़ने पर लड़कियों की परीक्षा के दौरान आवश्यक स्वच्छता उत्पादों तक पहुंच हो सके. शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि महिला छात्रों को मासिक धर्म की जरूरतों को पूरा करने, असुविधा को कम करने और परीक्षा के दौरान ध्यान केंद्रित करने के लिए आवश्यक रेस्टरूम ब्रेक लेने की अनुमति दी जानी चाहिए.