भाजपा ने प्रतिद्वंद्वियों को निशाना बनाने के लिए जांच एजेंसियों का किया दुरुपयोग : शरद पवार
एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Photo Credits Twitter)

मुंबई, 13 अक्टूबर : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि वह "राजनीतिक विरोधियों और अब यहां तक कि राजनेताओं के रिश्तेदारों को भी निशाना बनाने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है." उन्होंने कहा, "आईटी, सीबीआई, ईडी, एनसीबी जैसी केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल राजनीतिक उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है. राजनीतिक विरोधियों के रिश्तेदारों को निशाना बनाने के लिए अब एक नई रणनीति और पैटर्न उभर रहा है." उनकी तीन भतीजी यानी महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की बहनों से विभिन्न संस्थाएं जुड़ी हुई हैं.

राकांपा नेता और पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के आसपास की घटनाओं की श्रृंखला का उल्लेख करते हुए, उन्होंने पूछा कहां हैं (मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख) परम बीर सिंह, जिन्होंने अपने (देशमुख) के खिलाफ आरोप लगाए, जिस कारण अनिल ने मंत्रालय छोड़ दिया. उन्होंने कहा, "यह आश्चर्य की बात है कि देशमुख के घर पर मंगलवार को पांचवीं बार छापा मारा गया. एक ही व्यक्ति के घर पर इतनी बार छापेमारी करने का क्या उद्देश्य है? आरोप लगाने वाला (सिंह) कहीं नहीं मिला.. इसे समझिए." नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े पर निशाना साधते हुए पवार ने कहा कि उन्होंने आईआरएस अधिकारी के बारे में कुछ जानकारी हासिल करने की कोशिश की, जो पहले मुंबई हवाईअड्डे पर तैनात थे. यह भी पढ़ें : पुणे पुलिस ने Kiran Gosai के खिलाफ लुकआउट नोटिस किया जारी, आर्यन खान मामले से जुड़ा है कनेक्शन

राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और मंत्री नवाब मलिक द्वारा किए गए खुलासे की श्रृंखला के बाद एनसीबी की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, "मैंने कई कहानियां सुनी हैं.. लेकिन मेरे पास पूरी जानकारी नहीं है, इसलिए मैं इसके बारे में अभी और बात नहीं करूंगा." उन्होंने जिक्र किया कि कैसे एनसीबी ने 2 अक्टूबर को मुंबई बंदरगाह में क्रूज जहाज पर एक रेव पार्टी पर छापेमारी में पुणे पुलिस से फरार एक व्यक्ति को अपने स्वतंत्र गवाह के रूप में लिया, जिसने एक बड़े राजनीतिक विवाद को जन्म दिया. पवार ने एनसीबी की साख पर सवाल उठाते हुए कहा कि केंद्रीय एजेंसी के काम की तुलना में मुंबई पुलिस के एंटी-नारकोटिक्स सेल ने राज्यस्तरीय एजेंसी के रूप में और बिना किसी विवाद के बहुत अधिक मात्रा में ड्रग्स जब्त किए हैं.