पटना: कोविड-19 (COVID-19) महामारी के चलते देश में 24 दिनों से घोषित लॉकडाउन के चलते राजस्थान के कोटा समेत कई राज्यों में बड़े पैमाने पर छात्र फंसे गए है. जिन छात्रों को लाने को लेकर राज्य की सभी सरकारे कोशिश कर रही है. लेकिन बिहार के फंसे छात्रों को लेकर नीतीश सरकार की तरफ से लाने को लेकर अब तक कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है. जिसकों लेकर आरजेडी समेत बिहार की दूसरी पार्टियां लगातार नीतीश कुमार को घेर रही हैं. इस बीच बिहार के पूर्व मंत्री और 'लालू राबड़ी मोर्चा' के नेता तेज प्रताप यादव ने पटना में आज एक 'सद्बुद्धि महायज्ञ' का आयोजन किया. जिसमें सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से दूसरे अन्य राज्यों में बिहार के फंसे छात्रों और मजदूरों को वापस लाने का आग्रह किया.
दरअसल राजस्थान के कोटा के साथ ही दूसरे अन्य राज्यों में बिहार के छात्रों के साथ ही बड़े पैमने पर मजदूर फंस गए हैं. जिसमें सबसे ज्यादा कोटा में पढाई करने वाले छात्र फंसे हैं. जिन छात्रों को लाने को लेकर दूसरे ने राज्य की सरकारे छोटी- छोटी संख्या में छात्रों को निकाल रही है. लेकिन बिहार सरकार छात्रों को वहां से लाने को लेकर कोई कदम ही नही उठा रही है. बल्कि नीतीश कुमार लॉकडाउन का हवाला देकर बच्चों को निकालने को लेकर विरोध किया है. यह भी पढ़े: बिहार: बीजेपी विधायक अनिल सिंह कोटा की यात्रा कर बेटी को लाए वापस, विपक्ष ने नीतीश सरकार को घेरा
Bihar: Former state Minister and 'Lalu Rabri Morcha' leader Tej Pratap Yadav conducted a 'Sadbuddhi Mahayagya' today in Patna, urging CM Nitish Kumar to bring back the students and labourers of the state, stuck in other states amid lockdown. pic.twitter.com/sjsWLtnKSH
— ANI (@ANI) April 26, 2020
नितीश कुमार ने पिछले दिनों उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कोटा में पढ़ रहे वहां के बच्चों को बसों से उनके घर पहुंचाए जाने के फैसले का जमकर विरोध किया था. उन्होंने कहा था कि यह लॉकडाउन का उल्लंघन है. उन्होंने कहा था कि अगर बच्चों को वापस लाया जाएगा तो यह लॉकडाउन सफल नहीं होगा.लेकिन वहां पर फंसे छात्रों के साथ ही उनके अभिभावक लगातार सरकार से मांग कर रहे हैं कि दूसरे अन्य राज्यों की तरह उनके भी बच्चों को वापस लाया जाए. क्योंकि वे वहां पर काफी परेशान हैं.