पटना: बिहार (Bihar) में बाढ़ एक बार फिर लोगों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है. बिहार में हो रही बारिश और प्रमुख नदियों के जलस्तर में हो रही वृद्धि से राज्य के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति बन गई है. नदियों के उफान से डरे लोग बाढ़ की आशंका को लेकर उंचे स्थानों पर जाने को मजबूर हैं. जल संसाधन विभाग (WRD) ने शनिवार को कहा कि पिछले 24 घंटों में नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण गंडक, बागमती, कमला और महानंदा नदियों की घाटियों में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है. Bihar Flood: बिहार के दरभंगा में बाढ़ ने मचाई तबाही, पलक झपकते ही बह गया उप स्वास्थ्य केंद्र (देखें वीडियो)
11 जिलों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. बागमती और कमला नदी के आस-पास के इलकों में खतरा अधिक है. बागमती और कमला का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. दोनों नदियां अपने बहाव के साथ अधिकांश बिंदुओं पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.
जल संसाधन विभाग के मुताबिक, बागमती नदी डूबाधार, सोनाखान, ढेंग, कटौंझा हायाघाट और बेनीबाद में जबकि बूढ़ी गंडक समस्तीपुर में रोसड़ा रेल पुल के पास खतरे के निशान को पार कर गई है. बहिन कमला बलान जयनगर और झंझारपुर रेल पुल के पास खतरे के निशान के पार है.
ललबकैया नदी में उफान के कारण चंपारण क्षेत्र की स्थिति गंभीर बनती जा रही है. इस बीच राहत की बात है कि गंगा, पुनपुन और सोन नदी अभी अपनी सीमा में हैं.
राज्य के पष्चिम चंपारण और गोपालगंज के कई इलाकों में बाढ का पानी घुस गया है. गांव बाढ के पानी से घिर गए हैं. लोग उंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं. बताया जा रहा है कि कई गांवों का सड़क संपर्क पूरी तरह टूट गया हैं. शिवहर में भी बाढ़ की स्थिति बनी हुई है, जबकि मुजफ्फरपुर के दो प्रखंडों में बाढ़ का पानी घुस गया है.
गंडक में पानी बढ़ने के बाद गोपालगंज में निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को अलर्ट किया गया है. बताया जा रहा है कि इस जिले के 40 से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है.
(इनपुट IANS)













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