नई दिल्ली, 14 फरवरी : एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने मंगलवार को बीबीसी इंडिया के कार्यालयों में आयकर (आई-टी) सर्वे पर चिंता व्जताई. एडिटर्स गिल्ड ने कहा, यह सर्वे अल्पसंख्यकों की मौजूदा स्थिति और गुजरात में 2002 की हिंसा पर बनी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की रिलीज के बाद आया है. डॉक्यूमेंट्री में गुजरात हिंसा पर गलत और पूर्वाग्रह से भरे रिपोर्ट के लिए सरकार ने बीबीसी की आलोचना की है और भारत में इसके ऑनलाइन देखने पर प्रतिबंध लगाने का प्रयास किया.
गिल्ड ने कहा कि आयकर विभाग का सर्वे सरकारी एजेंसियों का उपयोग कर उन प्रेस संगठनों को डराने और परेशान करने की प्रवृत्ति के तहत है जो सरकारी नीतियों या सत्ता प्रतिष्ठान की आलोचना करते हैं. सितंबर 2021 में, आई-टी विभाग द्वारा न्यूजक्लिक और न्यूजलॉन्ड्री के कार्यालयों का इसी तरह सर्वे किया गया था. यह भी पढ़ें : फिल्म निर्देशक-निर्माता बनकर उभरते कलाकारों से ठगी करने वाला गिरफ्तार
जून 2021 में दैनिक भास्कर और भारत समाचार के खिलाफ सर्वे हुए थे. फरवरी 2021 में ईडी ने न्यूजक्लिक के कार्यालय पर छापे मारे थे. इन सभी मामलों में छापे और सर्वे समाचार संगठनों द्वारा सरकारी प्रतिष्ठान के कवरेज की पृष्ठभूमि के तहत थे. इसमें कहा गया है कि यह एक ऐसी प्रवृत्ति है जो लोकतंत्र को कमजोर करती है.
गिल्ड ने मांग की कि ऐसी सभी जांचों में बहुत सावधानी और संवेदनशीलता दिखाई जाए ताकि पत्रकारों और मीडिया संगठनों के अधिकार कमजोर न हो पाए. एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने एक बयान में कहा, इसके अलावा, गिल्ड अपनी पहले की मांग को दोहराता है कि सरकार यह सुनिश्चित करे कि इस तरह की जांच निर्धारित नियमों के तहत की जाए और वे स्वतंत्र मीडिया को डराने के लिए उत्पीड़न के साधनों में न बदल जाए.