बेंगलुरु, 23 मार्च : कर्नाटक में सत्तारूढ़ भाजपा ने राज्य के तटीय क्षेत्र में हिंदू मंदिर परिसरों और धार्मिक मेलों में मुस्लिम व्यापारियों के दुकान लगाने पर प्रतिबंध का आह्वान किया और विपक्ष के हमले को कुंद करने के लिए बुधवार को नियम पुस्तिका का हवाला दिया. बुधवार को विधानसभा में इस मुद्दे पर चर्चा के दौरान कर्नाटक के कानून मंत्री जे.सी. मधुस्वामी ने हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती अधिनियम और नियम (2002) का उल्लेख किया.
मधुस्वामी ने कहा कि उस समय की कांग्रेस सरकार ने इन नियमों को बनाया था. उन्होंने कहा, "अधिनियम के नियम संख्या 12 के अनुसार, एक हिंदू धार्मिक संस्थान के पास किसी अन्य धर्म के व्यक्ति को जगह पट्टे पर देना प्रतिबंधित है. यदि मुसलमानों के व्यापार करने पर प्रतिबंध लगाने की घटनाएं मंदिरों के परिसर के बाहर हुई हैं, तो हम जांच कर सकते हैं. हालांकि, परिसर के भीतर, नियम अन्य समुदायों के लोगों को दुकान स्थापित करने की अनुमति नहीं देते हैं." कर्नाटक के तटीय जिलों में कुछ मंदिर परिसरों और धार्मिक सभाओं में मुस्लिम व्यापारियों को दुकानें और स्टॉल लगाने से रोके जाने के मामले सामने आने के बाद बुधवार को विधानसभा में इस मुद्दे पर जोरदार चर्चा हुई. यह भी पढ़ें : बंगाल में स्कूल वर्दी पर लगने वाला नया लोगो सरकार से संबंधित है, टीएमसी से नहीं: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
शून्यकाल के दौरान कांग्रेस सदस्य यू.टी. खादर और रिजवान अरशद ने धार्मिक मेलों और मंदिरों में प्रदर्शित होने वाले बैनरों पर ध्यान केंद्रित किया, जिसमें मुस्लिम व्यापारियों को स्थानीय हिंदू मेलों में दुकानें और स्टॉल लगाने से रोक दिया गया था. उन्होंने आरोप लगाया कि सार्वजनिक क्षेत्रों में भी इस तरह के बैनर लगाए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि नियमों को लागू करने की जरूरत की जांच की जानी चाहिए.