नई दिल्ली, 5 फरवरी : तीन नए कृषि कानूनों (Agricultural laws) के मुद्दे पर संसद में तीखी बहस के बीच वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) शुक्रवार को राज्यसभा में काले रंग का फेस मास्क पहने उपस्थित थे. इस मास्क पर लिखा था - 'मै किसानों के साथ हूं'. गौरतलब है कि नए कृषि कानूनों के मुद्दे पर इन दिनों संसद के दोनों सदनों में काफी शोर-शराबा देखने को मिल रहा है और इसके परिणामस्वरूप सदन की कार्यवाही में व्यवधान भी पड़ रहा है. इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों के बीच तीखी बहस देखने को मिल रही है. इसी कड़ी में किसानों को अपना समर्थन व्यक्त करते हुए विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद शुक्रवार को ऊपरी सदन में काले रंग का मास्क पहने बैठे थे.
राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता आंनद शर्मा (Anand Sharma) ने कहा कि पिछले साल जब ये कानून पास हुए थे तो वह एक काला दिन था. शर्मा ने किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान 26 जनवरी के दिन हिंसा की सुप्रीम कोर्ट के जज से जांच कराने की भी मांग की. पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान जिस तरह कृषि अध्यादेशों को लाया गया, वह सामान्य नहीं था. आखिर इतनी जल्दबाजी की जरूरत क्या थी? जब राज्यसभा में ये कृषि कानून पारित किए गए, उस दिन वह एक काला दिन था. यह भी पढ़ें : Farmers Agitation: कांग्रेस ने 26 जनवरी हिंसा मामले में न्यायायिक जांच की मांग की
उन्होंने यह भी दावा किया कि 26 जनवरी की घटनाओं के पीछे एक साजिश थी. मैं इसकी भर्त्सना करता हूं. सुप्रीम कोर्ट के जज द्वारा इस बात की न्यायिक जांच होनी चाहिए कि आखिर कुछ ट्रैक्टर लाल किले तक कैसे पहुंचे और उन्हें अंदर आने की इजाजत किसने दी. शर्मा ने कहा कि अपने कर्तव्य का पालन कर रहे लोगों पर हमला करने का किसी को भी अधिकार नहीं है. लाल किला पर हिंसा की घटना से समूचा देश स्तब्ध था. इसकी जांच की जानी चाहिए. इस हिंसा में घायल हुए पुलिसकर्मियों एवं अधिकारियों के प्रति हम सहानुभूति प्रकट करते हैं. उन्होंने केंद्र सरकार से हठ त्यागने एवं कृषि कानूनों को अविलंब वापस लेने का भी आग्रह किया.