कोरोना वायरस (Coronavirus) की महमारी से निपटने के लिए लागू लॉकडाउन (Lockdown) के बीच रामभक्त अयोध्या (Ayodhya) में भव्य मंदिर निर्माण के लिए अब तक 4.70 करोड़ रुपये दान कर चुके है. यह धनराशि राम मंदिर निर्माण के गठित राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (Ayodhya Ram Mandir Trust) के दो अलग-अलग खातों में जमा हुई है. राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का कहना है कि पैसे भक्तो की कामना है कि पैसों की कमी के चलते राम मंदिर निर्माण में कोई बाधा ना उत्पन्न हो और भव्य और दिव्य गगनचुंबी राम मंदिर का निर्माण हो यही इसीलिए वह दान दे रहे है.
आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि राम मंदिर निर्माण के लिए लगातार भक्त दान दे रहे हैं और इसके लिए मैं सभी दानदाताओं का धन्यवाद देता हूं.केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) द्वारा प्रदान किए गए विवरण के अनुसार, दान ऑनलाइन लेनदेन के माध्यम से श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र में किए गए थे. सीबीडीटी ने कहा है कि ये दान आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80G के तहत कटौती के योग्य हैं.
दो SBI शाखाओं में किए गए 4.70 करोड़ रुपये के दान में से एक में जमा राशि के लगभग 2 करोड़ रुपये हैं और शेष राशि अन्य खाते में है. इसके अलावा, ट्रस्ट के पास दूसरे बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट के रूप में 12 करोड़ रुपये हैं, जो इसे बनने के बाद राम जन्मभूमि के पिछले रिसीवर से मिला था.
राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के एक सदस्य ने कहा कि वे मंदिर का निर्माण शुरू होने के बाद दान के बढ़ने की उम्मीद कर रहे हैं. इस बीच, विश्व हिंदू परिषद के क्षेत्रीय प्रवक्ता शरद शर्मा ने हिंदुस्तान टाइम्स के हवाले से कहा, "ट्रस्ट और वीएचपी आशावादी हैं कि कोरोनो वायरस संकट हटने के बाद अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भूमि पूजन होगा और राम मंदिर निर्माण कार्य में ध्यान दिया जाएगा."
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अप्रैल में अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन समारोह में भाग लेने वाले थे. हालांकि, ट्रस्ट ने कोरोनो वायरस महामारी के चलते यह भूमि पूजन समारोह स्थगित कर दिया. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सरकार ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन किया था. यह ट्रस्ट मंदिर निर्माण का दायित्व संभाल रहा है.