अयोध्या: मध्यस्थता से निकलेगा अयोध्या विवाद का हल, श्री श्री रविशंकर पर ओवैसी को ऐतराज
श्री श्री रविशंकर/असदुद्दीन ओवैसी ( फोटो क्रेडिट - Tw /PTI )

सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद अयोध्या विवाद (Ayodhya case) मामले को सुलझाने के लिए तीन सदस्यीय समिति द्वारा मध्यस्थता का आदेश दिया है. इस समिति के अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट पूर्व जस्टिस इब्राहिम खलीफुल्लाह, आर्ट ऑफ लीविंग के संस्थापक श्री श्री रवि शंकर और वरिष्ठ वकील श्रीराम पंचू इसके सदस्य होंगे. जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने मध्यस्थता कमेटी का गठन किया. जिन्हें 2 महीने के अंदर सभी पक्षों से बात करनी होगी. वहीं श्रीश्री रविशंकर (Sri Sri Ravi Shankar)के नाम पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने आपत्ति जताई है.

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि अच्छा होता अगर सुप्रीम कोर्ट ने किसी न्यूट्रल व्यक्ति को मध्यस्थ बनाया होता है. उन्होंने कहा कि श्री श्री रवि शंकर का अगर पुराना बयान देखा जाए तो उन्होंने कहा है कि अगर मुसलमान अपना दावा अयोध्या पर नहीं छोड़ते हैं तो भारत सीरिया बन जाएगा. लेकिन ओवैसी ने कहा कि अब श्रीश्री रविशंकर को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है, तो अब उन्हें निष्पक्ष रहना होगा. बता दें कि इसके साथ ही मध्यस्थता के लिए बातचीत फैजाबाद में होगी.

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बता दें कि पीठ ने कहा कि मध्यस्थता करने वाली यह समिति चार सप्ताह के भीतर अपनी कार्यवाही की प्रगति रिपोर्ट दायर करेगी. पीठ ने कहा कि यह प्रक्रिया आठ सप्ताह के भीतर पूरी हो जानी चाहिए. कोर्ट ने कहा कि मध्यस्थता कार्यवाही की सफलता सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत गोपनीयता बरती जानी चाहिए और प्रिंट तथा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया इस कार्यवाही की रिपोर्टिंग नहीं करेगा.

पीठ ने कहा कि मध्यस्थता समिति इसमें और अधिक सदस्यों को शामिल कर सकती है और इस संबंध में किसी भी तरह की परेशानी की स्थिति में समिति के अध्यक्ष शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री को इसकी जानकारी देंगे.