
नई दिल्ली: अब टोल प्लाजा पर वाहनों की नंबर प्लेट पहचान कर ऑटोमेटिक प्रणाली से टोल वसूला जाएगा. केंद्र सरकार टोल प्लाजा की जगह 'ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर' के उपयोग के लिए 'प्रायोगिक परियोजनाओं' पर काम कर रही है. सरकार का मानना है कि इससे टोल प्लाजा पर वाहनों की भीड़ घटेगी और जो वाहन हाईवे पर जितना चलेगा, ठीक उतना ही शुल्क उससे वसूला जाएगा. National List of Medicines 2022: सस्ती हो जाएंगी कई एंटीबायोटिक्स, टीके और कैंसर रोधी दवाएं, आवश्यक दवाओं की नई सूची जारी.
यह जानकारियां केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने सोमवार को इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईएसीसी) की 19वीं इंडो-यूएस इकोनॉमिक समिट में दी. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार इसकी जानकारी देते हुए कहा कि इस परियोजना के शुरू होने से वाहन मालिकों के बैंक खातों से सीधे शुल्क की कटौती की जा सकेगी.
टोल आय में सालाना 15,000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई
नितिन गडकरी ने माइंडमाइन शिखर सम्मेलन में कहा कि फास्टैग की शुरुआत के बाद, सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की टोल आय में सालाना 15,000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई.
उन्होंने इस बारे में विस्तार से जानकारी दिये बिना कहा, ''हम अब ऑटोमोबाइल नंबर प्लेट तकनीक या ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर कैमरा पेश करने जा रहे हैं. इसके बाद किसी टोल प्लाजा की जरूरत नहीं होगी.
गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान टोल प्लाजा पर वाहनों का औसत प्रतीक्षा समय आठ मिनट था. फास्टैग की शुरुआत के साथ वित्त वर्ष 2020-21 और 2021-22 के दौरान वाहनों के लिए औसत प्रतीक्षा समय में कमी आयी. यह घटकर 47 सेकंड हो गया.
हालांकि यह कुछ स्थानों पर, विशेष रूप से घनी आबादी वाले शहरों में प्रतीक्षा समय में काफी सुधार देखा गया. इसके बावजूद व्यस्त समय के दौरान टोल प्लाजा पर कुछ देरी होती है.
सरकार के पास हैं दो विकल्प
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने पिछले महीने कहा था कि सरकार अब दो विकल्पों पर विचार कर रही है. पहला उपग्रह आधारित टोल प्रणाली... जहां एक कार में जीपीएस होगा और टोल सीधे यात्री के बैंक खाते से लिया जाएगा और दूसरा विकल्प नंबर प्लेट पहचान के जरिए शुल्क लेना है. उन्होंने कहा, 'हम उपग्रह का इस्तेमाल करते समय फास्टैग की जगह जीपीएस लगाने की प्रक्रिया में हैं.वहीं देश में नंबर प्लेट पर भी अच्छी तकनीक उपलब्ध है.'