देश पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal BihariVajpayee) की आज शुक्रवार को पहली पुण्यतिथि है. इस दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत कई बड़े नेताओं ने नई दिल्ली में उनके स्मृति स्थल ‘सदैव अटल’ पर पहुंचकर श्रद्धांजलि दिया. 16 अगस्त, 2018 को राजधानी दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भारत रत्न और देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का निधन हो गया था. अटल बिहारी वाजपेयी को साल 2018 में 11 जून को एम्स में भर्ती कराया गया था.
उप राष्ट्रपति अटल जी भारतीय लोकतंत्र की उत्कृष्टतम परंपराओं के प्रेरणा पुंज थे, लोकतंत्र की सात्विक मर्यादाओं के मूर्तरूप थे। देश अपने मानवतावादी युगदृष्टा नेता, सहृदय और ओजस्वी शब्दशिल्पी को कृतज्ञतापूर्वक स्मरण करता रहेगा। पुण्यात्मा को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि. देशभर में अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि के अवसर पर बड़ा कार्यक्रम किया जा रहा है.
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Pres, PM pay tributes to Vajpayee on his first death anniversary
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— ANI Digital (@ani_digital) August 16, 2019
अमित शाह ने दी श्रद्धांजलि
Delhi: Union Home Minister Amit Shah, BJP national working president JP Nadda and other leaders of the party pay tribute to former PM #AtalBihariVajpayee at 'Sadaiv Atal' on his first death anniversary today. pic.twitter.com/h1Tyzx0y0C
— ANI (@ANI) August 16, 2019
ऐसा था अटल सफरनामा
अटल बिहारी वाजपेयी को 2014 में देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. उनके जन्मदिवस 25 दिसंबर को सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है. वाजपेयी 3 बार भारत के प्रधानमंत्री रहे. पहली बार वह 1996 में प्रधानमंत्री बने और उनकी सरकार सिर्फ 13 दिनों तक ही चल पाई थी. साल 1998 में वह दूसरी बार प्रधानमंत्री बने, तब उनकी सरकार 13 महीने तक चली थी. 1999 में वाजपेयी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने और पांच सालों का कार्यकाल पूरा किया.
अटल बिहारी वाजपेयी को 1971 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए पाकिस्तान पर विजय प्राप्त करने के बाद इंदिरा गांधी को दुर्गा कहकर प्रशंसा करने के लिए भी जाना जाता है. उनमें विदेश नीति मुद्दे की विशिष्ट योग्यता थी और तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने उन्हें संयुक्त राष्ट्र मानवधिकार कांफ्रेंस में पाकिस्तान के कश्मीर अभियान का जवाब देने के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करने के लिए चुना था.