प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) आज असम के डिब्रूगढ़ में सामरिक महत्व के पुल बोगीबील ब्रिज देश को समर्पित करेंगे. यह पुल ब्रह्मपुत्र नदी (Brahmaputra River) के उत्तर (North) तथा दक्षिणी (South) तटों को जोड़ता है. तिनसुकिया-नाहरलगुन इंटरसिटी एक्सप्रेस सप्ताह में पांच दिन चलेगी. बोगिबील पुल(Bogibeel Bridge) न केवल ब्रह्मपुत्र के उत्तरी व दक्षिणी किनारों के बीच परिवहन व विनिमय को सुगम बनाएगा और उभर रहे भारत के विकास व प्रगति में योगदान देगा बल्कि चार से छह जनवरी 2019 से यहां आस के 61वें सत्र की सफल मेजबानी में भी मदद करेगा.
पीएम मोदी के हरी झंडी दिखाने के बाद कुल 14 कोचों वाली यह चेयर कार रेलगाड़ी तिनसुकिया से दोपहर में रवाना होगी और नाहरलगुन से सुबह वापसी करेगी. पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवे गौड़ा (H.D. Deve Gowda) ने जनवरी 1997 में बोगीबील पुल की आधारशिला रखी थी लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री (Former Prime Minister) अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) द्वारा निर्माण कार्य के शुभारंभ के बाद अप्रैल 2002 में इसका कार्य शुरू हुआ. पिछले 16 वर्षों में इसके निर्माण को पूरा करने के लिये कई बार विभिन्न समय-सीमा तय की गई लेकिन उस अवधि में कार्य पूरा नहीं हो सका.
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#TopStory: Prime Minister Narendra Modi to inaugurate Bogibeel Bridge in Dibrugarh, Assam today. (File pic) pic.twitter.com/gWt8Q3rLDd
— ANI (@ANI) December 25, 2018
ब्रह्मपुत्र नदी पर बना 4.9 किलोमीटर लंबा पुल देश का पहला पूर्णरूप से जुड़ा पुल है. इस पुल के निर्माण में 5,900 करोड़ रुपए का खर्च आया है और इसकी मियाद 120 वर्ष है। इससे असम से अरुणाचल प्रदेश के बीच की यात्रा दूरी घट कर चार घंटे रह जाएगी. इसके अलावा दिल्ली से डिब्रूगढ़ रेल यात्रा समय तीन घंटे घट कर 34 घंटे रह जाएगा. इससे पहले यह दूरी 37 घंटे में तय होती थी.