Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मस्जिद के ASI सर्वे पर रोक, इलाहाबाद हाईकोर्ट कल सुनाएगा फैसला
Gyanvapi (Photo Credit : Twitter)

Gyanvapi Allahabad High Court Hearing: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के ASI सर्वे पर रोक लगा दी है. मामले की सुनवाई गुरुवार 27 जुलाई को की जाएगी. इस दौरान सर्वे कराने पर अंतिम फैसला लिया जाएगा. मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ASI अधिकारी से पूछा कि मस्जिद का कितना सर्वे किया जा चुका है और पूरा करने में अभी कितना समय लगेगा. इस पर उन्होंने बताया कि अभी तक 5 प्रतिशत सर्वे किया गया है. 31 जुलाई तक इसे पूरा कर लिया जाएगा. अब इस मामले की सुनवाई कल दोपहर 3:30 बजे होगी.

पिछले दिनों जिला जज एके विश्वेश ने शुक्रवार को मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वे कराने का आदेश दिया था. ASI को 4 अगस्त तक सर्वे की रिपोर्ट वाराणसी की जिला अदालत को सौंपनी थी. इसी आदेश के बाद ASI की टीम सोमवार को ज्ञानवापी का सर्वे करने पहुंची थी. लेकिन मुस्लिम पक्ष ने इस सर्वे पर रोक की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. कोर्ट ने सर्वे पर दो दिन के लिए रोक लगाते हुए मस्जिद कमेटी को हाईकोर्ट जाने को कहा था.

ज्ञानवापी केस की टाइमलाइन

  • 1919 : स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वर की ओर से वाराणसी कोर्ट में पहली याचिका दायर हुई. याचिकाकर्ता ने ज्ञानवापी परिसर में पूजा करने की अनुमति मांगी.
  • 1991: ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में पूजा करने का अधिकार मांगने के लिए वाराणसी जिला अदालत में एक याचिका दायर की गई.
  • 1993: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने निचली अदालत में कार्यवाही पर रोक लगा दी.
  • 1998 : ज्ञानवापी मस्जिद की देखरेख करने वाली अंजुमान इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया. कमेटी ने कहा कि कानून इस मामले में सिविल कोर्ट कोई फैसला नहीं ले सकती. हाईकोर्ट के आदेश पर सिविल कोर्ट में सुनवाई पर रोक लगी. 22 साल तक ये केस पर सुनवाई नहीं हुई.
  • 2019 : स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वर की ओर से विजय शंकर रस्तोगी ने वाराणसी जिला अदालत में याचिका दायर की. इस याचिका में ज्ञानवापी परिसर का सर्वे आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की ओर से कराने की मांग की गई.
  • 2020: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सिविल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगाते हुए अपना फैसला सुरक्षित रख दिया.  2020 में ही रस्तोगी ने निचली अदालत का रुख भी किया, जिसमें मामले की सुनवाई फिर से शुरू करने की मांग की.
  • 2021: पांच हिंदू महिलाओं ने वाराणसी जिला अदालत में एक याचिका दायर कर देवी श्रृंगार गौरी को समर्पित मंदिर में पूजा करने का अधिकार मांगा, जो ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर स्थित है.
  • 2022: वाराणसी जिला अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वीडियो सर्वेक्षण का आदेश दिया.
  • 2023: वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर एक "वज़ुखाना" (प्रक्षालन क्षेत्र) को सील करने का आदेश दिया, जहां वीडियो सर्वेक्षण के दौरान कथित तौर पर एक "शिवलिंग" (एक लिंग प्रतीक) पाया गया था.
  • 2023: सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद मामले को वाराणसी के जिला न्यायाधीश को स्थानांतरित करने का आदेश दिया.
  • जुलाई 2023 वाराणसी कोर्ट में मस्जिद परिसर का ASI सर्वे कराने का आदेश दिया.
  • जुलाई 2023 मुस्लिम पक्ष ASI सर्वे पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. कोर्ट ने 2 दिन तक ASI सर्वे पर रोक लगाई और हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई करने का आदेश दिया.

क्या है विवाद की जड़?

काशी विवाद में हिंदू पक्ष का कहना है कि 1669 में मुगल शासक औरंगजेब ने यहां काशी विश्वनाथ मंदिर को तोड़कर ज्ञानवापी मस्जिद बनाई थी. हिंदू पक्ष के दावे के मुताबिक, 1670 से वह इसे लेकर लड़ाई लड़ रहा है. हालांकि, मुस्लिम पक्ष का कहना है कि यहां मंदिर नहीं था और शुरुआत से ही मस्जिद बनी थी.

ज्ञानवापी मस्जिद मामला एक जटिल और संवेदनशील मुद्दा है जो काफी विवाद का विषय रहा है. मामला अभी भी कोर्ट में चल रहा है और यह स्पष्ट नहीं है कि नतीजा क्या होगा.