भारतीय सेना की ताकत में हुआ इजाफा, K-4 बैलिस्टिक मिसाइल का किया सफल परीक्षण

भारत लगातार अपनी सैन्य ताकत बढ़ रहा है ताकि हर मोर्चे पर दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके. न्यूज एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक इसी कड़ी में आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के विशाखापट्टनम (Vishakhapatnam) के तट पर डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) ने K-4 बैलेस्टिक मिसाइल (K-4 Ballistic Missile ) का परीक्षण किया. इस घातक बैलेस्टिक मिसाइल की मारक छमता 3,500 km है. खबरों के मुताबिक इसका सफल परिक्षण न्यूक्लियर आर्म्ड सबमरीन आईएनएस अरिहंत (INS Arihant class nuclear-powered submarines) से किया गया. इस मिसाइल के भारतीय सेना में शामिल होने के हिंद महासागर में अपनी पैठ बनाने और दुश्मन देश के ठिकानों को पलक झपकते विध्वंश कर देगी.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

नई दिल्ली:- भारत लगातार अपनी सैन्य ताकत बढ़ रहा है ताकि हर मोर्चे पर दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके. न्यूज एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक इसी कड़ी में आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के विशाखापट्टनम (Vishakhapatnam) के तट पर डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) ने K-4 बैलेस्टिक मिसाइल (K-4 Ballistic Missile ) का परीक्षण किया. इस घातक बैलेस्टिक मिसाइल की मारक छमता 3,500 km है. खबरों के मुताबिक इसका सफल परिक्षण न्यूक्लियर आर्म्ड सबमरीन आईएनएस अरिहंत (INS Arihant class nuclear-powered submarines) पनडुब्बियों पर तैनात किया जाएगा. इस मिसाइल के भारतीय सेना में शामिल होने के हिंद महासागर में अपनी पैठ बनाने और दुश्मन देश के ठिकानों को पलक झपकते विध्वंश कर देगी.

खबरों के मुताबिक मुताबिक K-4 मिसाइल का अंडरवॉटर प्लेटफॉर्म से के-4 परमाणु मिसाइल का परीक्षण किया गया. K-4 मिसाइल अरिहंत श्रेणी की परमाणु पनडुब्बियों के लिए विकसित किया गया है. पानी के अंदर अपने टारगेट को निशाना बनाने के लिए भारत के पास K-4 मिसाइल से पहले बीओ-5 मिसाइल था. जो अपने लक्ष्य को 700 किमी तक भेद सकता है. यह भी पढ़ें:- इजरायल नहीं बल्कि DRDO ही सेना के लिए बनाएगी स्वदेशी एंटी-टैंक मिसाइल, हजारों करोड़ की डील रद्द.

बता दें कि देश ने पिछले साल दिसंबर महीने में ओडिशा तट से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था. जमीन पर मार करने में सक्षम मिसाइल को बालासोर के चांदीपुर के एकीकृत परीक्षण केंद्र (ITR) के लॉन्च कांप्लेक्स-3 से दागा गया था. जमीन से जमीन पर मार करने वाले मिसाइल का परीक्षण सफल रहा, क्योंकि इसने निर्धारित लक्ष्य को भेद दिया. सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल पनडुब्बियों, जहाजों, लड़ाकू जेट या जमीन से लॉन्च किए जाने में सक्षम है.

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