महाराष्ट्र के पालघर जिले में बीते दिनों दो संतों स्वामी कल्पवृक्ष गिरि जी, स्वामी सुशील गिरि जी और उनके ड्राइवर नीलेश तेलगड़े की मॉब लिंचिंग (Palghar Mob Lynching) की घटना के बाद उद्धव ठाकरे की सरकार विपक्ष ने जमकर आलोचना की. मामला तूल पकड़ने लगा है और संतों ने तो घेराव की बात तक कह डाली है. वहीं इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री ठाकरे ने स्पष्ट कहा है कि इसमें लिप्त सभी दोषियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाएगी. वहीं इस मामलें में कार्रवाई करते हुए कासा पुलिस स्टेशन के तीन और पुलिसकर्मियों को इस मामले में सस्पेंड कर दिया गया है. जिसमें एक सब इंस्पेक्टर और दो हेड कॉन्स्टेबल शामिल हैं. इस मामलें में दो पुलिस इंस्पेक्टर निलंबित हो चुके हैं. वहीं इस मामले में 35 पुलिसकर्मियों का तबादला पहले ही किया जा चूका है.
महाराष्ट्र सरकार ने दो साधु समेत तीन लोगों की हुई मॉब लिंचिंग की घटना को राज्य सरकार ने काफी गंभीरता से लिया है. इस मामले में 110 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इसके साथ ही राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने देर रात उच्च स्तरीय जांच कराने की घोषणा के साथ ही मामले को सांप्रदायिक रंग देने वालों को नसीहत तक दे दिया था. इस मामलें में गिरफ्तार किए सभी लोगों के नाम को जाहिर भी किया था.
ANI का ट्वीट:-
An Assistant Sub Inspector & two Head Constables of Kasa Police Station have been suspended in Palghar lynching case. Two Police Inspectors have already been suspended in the case. 35 policemen of the police station were transferred yesterday: Palghar Police PRO. #Maharashtra
— ANI (@ANI) April 29, 2020
गौरतलब है कि पालघर जिले के एक गांव में शनिवार को जूना अखाड़े के दो साधुओं समेत तीन लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. यह घटना उस समय हुई, जब गुरुवार रात ये लोग मुंबई के कांदीवली से कार में सवार होकर गुजरात के सूरत जा रहे थे. वहीं पालघर घटना से नाराज अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (एबीएपी) ने घटना के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं होने पर बड़े पैमाने पर आंदोलन शुरू करने की धमकी दी है.