
महाराष्ट्र (Maharashtra) में सभी स्कूल (Schools) 8 और 9 जुलाई को बंद रहेंगे, क्योंकि हजारों शिक्षक (Teachers) और गैर-शिक्षण कर्मचारी (Non-Teaching Staff) राज्य सरकार द्वारा अनुदान और लाभों से संबंधित लंबे समय से लंबित मांगों को पूरा करने में विफल रहने के कारण हड़ताल पर हैं. अभिभावकों और छात्रों को राज्यव्यापी बंद का ध्यान रखने की सलाह दी गई है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह विरोध प्रदर्शन सहायता प्राप्त और आंशिक रूप से सहायता प्राप्त स्कूलों के कर्मचारियों द्वारा बुलाया गया है, जिनका आरोप है कि सरकार द्वारा बार-बार दिए गए आश्वासनों का कोई असर नहीं हुआ है. स्कूलों को बंद करने के फैसले से पूरे राज्य में शैक्षणिक कार्यक्रम बाधित होने की आशंका है.
पिछले साल 1 अगस्त 2024 को शिक्षकों द्वारा 75 दिनों का विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ था, जिसमें सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए वित्तीय सहायता बढ़ाने की मांग की गई थी. हालांकि उस समय सरकार ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी थी, लेकिन 14 अक्टूबर 2024 को जारी सरकारी प्रस्ताव (Government Resolution) यानी जीआर (GR) में कोई धनराशि शामिल नहीं की गई, जिससे फिर से निराशा हुई. यह भी पढ़ें: School Bus Strike: सरकार के खिलाफ 2 जुलाई से स्कूल बस मालिकों ने किया हड़ताल का ऐलान, छात्रों पर पड़ेगा इसका सबसे ज्यादा असर
मौजूदा अशांति 10 अक्टूबर 2024 को कैबिनेट की बैठक के दौरान किए गए वादे से उपजी है, जिसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि अनुदान की अगली किस्त जारी की जाएगी. हालांकि, पिछले एक साल में कोई प्रगति नहीं होने के कारण शिक्षक संघों ने एक बार फिर विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है.
8 और 9 जुलाई को हजारों शिक्षक मुंबई के आजाद मैदान में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन के लिए इकट्ठा होंगे और तत्काल कार्रवाई की मांग करेंगे. इस आंदोलन को महाराष्ट्र राज्य प्रधानाध्यापक संघ, संयुक्त प्रधानाध्यापक संघ और विभिन्न शिक्षक संघों का पूरा समर्थन मिला है. नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार तुरंत जवाब देने में विफल रहती है तो विरोध प्रदर्शन और तेज हो सकता है, जिससे शिक्षा प्रणाली में और व्यवधान पैदा हो सकता है.