लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर बन रही विपक्षी एकता पर एक बार फिर ग्रहण लगता दिख रहा है. समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने डीएमके प्रमुख एम.के. स्टालिन (MK Stalin) के उस बयान पर अपनी असहमति जताई है, जिसमें उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष (Congress President) राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने की पेशकश की था. इस बयान पर अपनी असहमति जाहिर करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि यह जरूरी नहीं है कि स्टालिन की राय पर गठबंधन के सभी सदस्य एकमत हों.
दरअसल, स्टालिन ने 2019 के आम चुनाव में प्रधानमंत्री पद के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम प्रस्तावित किया है. इसके बाद से ही विपक्षी दलों के सुर बदल गए हैं. अब अखिलेश यादव भी इससे सहमत नहीं दिख रहे हैं. उन्होंने कहा कि जनता अब भाजपा से नाराज है. इसी कारण कांग्रेस को तीन राज्यों में सफलता मिली है. अभी महागठबंधन का खाका तैयार किया जाना है.
A Yadav on MK Stalin proposing R Gandhi's name for PM candidate: Ppl are unhappy with BJP. Telangana CM, Mamata ji&Sharad Pawar ji had attempted to bring together all leaders to form an alliance. If someone is giving his opinion,isn't necessary that alliance has the same opinion. pic.twitter.com/TzfhbV9p9Z
— ANI UP (@ANINewsUP) December 18, 2018
उन्होंने कहा कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर, ममता बनर्जी और शरद पवार ने गठबंधन बनाने के लिए सभी नेताओं को एक साथ लाने का प्रयास किया था. इस प्रयास में अगर कोई अपनी राय दे रहा है, तो जरूरी नहीं है कि गठबंधन की राय समान हो. प्रधानमंत्री पद के नाम पर किसी का भी नाम गठबंधन के सभी नेता तय करें तो बेहतर है. यह भी पढ़ें: फिर मोदी सरकार पर बरसे राहुल गांधी, कहा- PM ने हिंदुस्तान को दो हिस्सों में बांटा, अमीरों की जेब में डाले साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए
दरअसल, डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम 2019 के चुनावों में प्रधानमंत्री पद के लिए प्रस्तावित किया है. कयास लगाया जा रहा है कि शायद यही वजह है कि मध्य प्रदेश और राजस्थान के शपथ ग्रहण समारोह में मायावती, अखिलेश और ममता नहीं पहुंचे. इसके बाद अखिलेश का यह बयान अपने आप में बहुत कुछ साबित करता है.